पीएम मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट (Voice of Global South Summit ) के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया और इसके सदस्य देशों को भाई कहकर संबोधित किया. समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं आपका स्वागत इस समिट में कर रहा हूं. मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि आप दुनिया के विभिन्न जगहों से इसमें हिस्सा ले रहे हैं. भारत ने हमेशा वैश्विक दक्षिण के अपने भाइयों के साथ अपने विकास संबंधी अनुभव को साझा किया है.
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम वैश्विक दक्षिण का भविष्य में सबसे बड़ा दांव हैं. हमारे देशों में तीन-चौथाई मानवता रहती है. भारत ने हमेशा अपने विकास के अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा किया है. हमारी विकास साझेदारी में सभी भौगोलिक और विविध क्षेत्र शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने इस वर्ष अपनी G20 अध्यक्षता शुरू की है, यह स्वाभाविक है कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने एक और कठिन वर्ष को पीछे छोड़ दिया जो युद्ध, संघर्ष, आतंकवाद और भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ती खाद्य उर्वरक और ईंधन की कीमतों को दर्शाता है. अधिकांश वैश्विक चुनौतियां ग्लोबल साउथ द्वारा नहीं बनाई गई हैं, लेकिन वे हमें अधिक प्रभावित करती हैं. उन्होंने कहा कि हमने विदेशी शासन के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का समर्थन किया और हम इस सदी में फिर से एक नई विश्व व्यवस्था बनाने के लिए ऐसा कर सकते हैं जो हमारे नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करेगी. आपकी आवाज भारत की आवाज है और आपकी प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताएं हैं.
गौरतलब है कि वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में बांग्लादेश, कंबोडिया, वियतनाम, पापुआ न्यू गिनी, उज्बेकिस्तान, गुयाना, थाईलैंड, मंगोलिया के लीडर्स उपस्थित थे.