जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक संदिग्ध सीआरपीएफ जवान की बंदूक छीकनर भाग गया. स्थानीय पुलिस के मुताबिक सीआरपीएफ की 183वीं बटालियन के जवान पुलवामा के राजपोरा इलाके में गश्त कर रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने सीआरपीएफ के एएसआई की राइफल छीन ली और मौके से भाग गया. व्यक्ति की पहचान इरफान अहमद के रूप में हुई है. सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की टीमें उस व्यक्ति को पकड़ने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. इससे पहले जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र शासित प्रदेश की कानून-व्यवस्था और आतंकवाद के खिलाफ 2022 में हुई कार्रवाई का लेखा-जोखा दिया.
उन्होंने बताया कि 2022 में 56 पाकिस्तानी नागरिकों सहित कुल 186 आतंकवादी मारे गए और 159 को गिरफ्तार किया गया. डीजीपी ने कहा कि आतंकवाद और आतंकियों पर नकेल कसने के लिहाज से यह साल सुरक्षा बलों के लिए सबसे सफल रहा. डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों की पूर्ण समाप्ति के (जीरो टेरर) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं. डीजीपी ने कहा कि 146 पाकिस्तान निर्मित आतंकी मॉड्यूल, जिनमें 4 से 5 सदस्य शामिल थे, जिन्हें चुनिंदा और लक्षित हत्याओं,ग्रेनेड और आईईडी हमलों को अंजाम देने का काम सौंपा गया था, उनका भी 2022 में भंडाफोड़ किया गया
एडीजीपी विजय कुमार ने बताया कि इस साल कश्मीर में सिर्फ 100 युवा आतंकवादी संगठनों में भर्ती हुए, जो बीते कई वर्षों में सबसे कम संख्या है. उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर का सफाया कर दिया गया, जबकि सुरक्षा बल सक्रिय आतंकवादियों की संख्या को दहाई के आंकड़े तक लाने के लिए काम कर रहे हैं, जो वर्तमान में 100 से थोड़ा अधिक है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 2022 में घाटी में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में ‘100 प्रतिशत सफलता’ हासिल की, लेकिन पाकिस्तान प्रायोजित ऑनलाइन आतंकवाद अब एक चुनौती है. दिलबाग सिंह ने यह भी कहा कि आतंकवादी डर बरकरार रखने के लिए जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के कर्मचारियों और अन्य लोगों को धमकी दे रहे हैं. लेकिन हमें इस तरह के कृत्यों से डरना नहीं चाहिए.