पाकिस्तान में हालात दिनोंदिन बेहद गंभीर होते जा रहे हैं. भूखमरी की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान ने अब सरकारी कर्मचारियों के भत्तों, बोनस और स्टडी लीव पर रोक लगा दी है. देश की आर्थिक हालात को संभालने के लिए अब सरकार को पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के बीच भी अब तूं-तड़ाक होने लगी है. भीषण नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने हाल ही में कीमत और वित्तीय स्थिरता को दांव पर लगाकर वृद्धि को तरजीह देने के लिए शहबाज शरीफ सरकार की आलोचना की थी.
पाकिस्तानी सरकार वित्तीय और मूल्य स्थिरता लाने में विफल रही है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 में वृद्धि दर तय लक्ष्य के मुकाबले कम होगी. वृद्धि दर 3-4 फीसदी से कम रह सकती है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी सरकारी वाहनों को प्रति माह 120 लीटर से अधिक ईंधन नहीं दिया जाएगा. सरकारी काम से शहर, शहर या गांव से बाहर जाने वाले कर्मचारियों को उनके ग्रेड के अनुसार तीन की जगह दो DA दिए जाएंगे. नियमित कर्मचारियों का अवकाश तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है.
भत्तों पर रोक
सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन के 25 फीसदी से अधिक के सभी भत्तों को तत्काल समाप्त कर दिया है. देश के वित्तीय संकट के कम होने तक ग्रेड 11 से 21 के कर्मचारियों के मेडिकल बिल भुगतान को भी निलंबित कर दिया है. पाकिस्तानी सरकार ने वेतन के साथ स्टडी लीव देने पर रोक लगाने की भी योजना बनाई है. ग्रेड 7 से 21 तक के सभी स्थायी कर्मचारियों की पेंशन के संबंध में नई पॉलिसी जारी की जाएगी
निजी क्षेत्र का बुरा हाल
पाकिस्तान की विकास दर गिरने से व्यापार और औद्योगिक क्षेत्रों में भारी छंटनी हो चुकी है. माना जा रहा है कि छंटनी का एक और बड़ा दौर जल्द शुरू होगा। कपड़ा मिलों, निर्यातकों और आयातकों ने साख पत्र के न खुलने पर गंभीर चिंता जताई है. इससे व्यापार चक्र को पंगु बना दिया है. पिछले पांच महीनों से मुद्रास्फीति 25 प्रतिशत के आसपास है, जिससे स्थिरता और वृद्धि की संभावनाएं बिगड़ रही हैं.