आरबीआई ने पिछली 5 बार से रेपो रेट को लगातार बढ़ाते हुए इसे 6.25 फीसदी तक पहुंचा दिया है. मई 2022 में रेपो रेट 4.30 फीसदी थी और दिसंबर 2022 तक इसमें 2.25 फीसदी का इजाफा हो गया है. इसका सीधा असर बैंक से लोन लेने वाले ग्राहकों पर पड़ा है. आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है. बैंकों के होम लोन की ब्याज दरें अब कई जगह 8.5 फीसदी से ऊपर जा चुकी हैं. ऐसे में खरीदारों के लिए बढ़ी हुई ब्याज दरों को मैनेज कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है.
एक्सपर्ट मानते हैं की कर्जदार EMI में वृद्धि को रोकने के लिए टेनोर आगे बढ़ाते हैं तो उनका कुल ब्याज काफी अधिक हो जाएगा. वही अगर EMI में वृद्धि करते हैं तो उनपर अतिरिक्त मासिक बोझ बढ़ जाएगा. इससे हर महीने उनके जेब पर भारी वजन पड़ेगा. ऐसे में कर्जधारकों को क्या करना चाहिए यह एक्सपर्ट से समझने की कोशिश करते हैं. मिंट में छपे एक लेख में सीए मनीष पी. हिंजर बताते हैं कि कैसे बड़ी हुई EMI को कुछ कम कर सकते हैं.
अतिरिक्त EMI का भुगतान करें
वे कहते हैं कि कर्जधारकों को हर साल एक अतिरिक्त ईएमआई का भुगतान करना चाहिए. इसे उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए किसी ने ₹50 लाख का लोन 20 साल के लिए लिया है जिस पर वह 8.30 फीसदी का ब्याज दे रहा है. ऐसे में उसकी EMI 43391 होगी. अगर वह हर साल एक अतिरिक्त ईएमआई देते हैं तो पूरे टेनोर में ब्याज पर 10 लाख रुपए से अधिक बचा लेंगे. इसके अलावा लोन की अवधि में भी 3 साल की कमी आएगी.
हर साल 5 फीसदी बढ़ाएं EMI
आपकी सैलरी में हर साल जैसे इंक्रीमेंट होता है उसी तरह ईएमआई में भी हर साल 5 फीसदी का इंक्रीमेंट करें. यह लंबी अवधि में आपको ब्याज पर 19.30 लाख रुपए तक बचाने में मदद करेगा और आप का टेनोर भी 7.30 साल कम हो जाएगा.