वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 17 दिसंबर, शनिवार को वर्चुअल तरीके से जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक की अगुआई करेंगी. इस बैठक में जीएसटी से जुड़े कई प्रावधानों को स्पष्ट करने का प्रयास किया जाएगा ताकि इस कर प्रणाली को और सरल बनाया जा सके. आज होने वाली बैठक में व्यावसायों के लिए ई-इनवॉइस की जरूरत, दिवालिया कंपनियों के मामले में जीएसटी कानून के तहत बकाया भुगतान, कॉर्पोरेट-सोशल सिक्योरिटी संबंधी खर्च और इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा दिए जा रहे नो क्लेम बोनेस पर टैक्स क्रेडिट पर चर्चा हो सकती है.
इनके अलावा भी जीएसटी काउंसिल कई मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर सकती है. मसलन, जीएसटी कानून के तहत किए गए गैर-कानूनी कामों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना, एक अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित करना, पान मसाला और गुटखा व्यापार में टैक्स धोखाधड़ी से निपटने के लिए प्रणाली आदि चर्चा का विषय हो सकते हैं. साथ ही ऑनलाइन गेमिंग और कसिनो पर टैक्स को लेकर चर्चा हो सकती है. नवंबर में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में मंत्रियों का समूह (जीओएम) इन पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लगाने पर सहमत हो गया था.
पिछली बार कहां रुकी थी बात
ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 फीसदी टैक्स की सहमति बनने के बावजूद पिछली बार कुछ मतभेदों के कारण इस पर फैसला नहीं लिया गया था. दरअसल, तब इस बात पर सहमति नहीं बन पाई थी कि टैक्स किस पर लगाया जाए, केवल पोर्टल द्वारा ली जा रही फीस पर या उस बैट के अमाउंट पर भी जो प्रतिभागी ने लगाए हैं. फिलहाल ऑनलाइन गेमिंग पर 18 फीसदी जीएसटी लगती है. अभी केवल प्लेटफॉर्म द्वारा ली जा रही फीस पर ही टैक्स लगता है.
जीएसटी संबंधी अपराध
जीएसटी काउंसिल की कानूनी समिति ने कहा है कि जीएसटी कानून के तहत किसी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए रकम की जो न्यूनतम सीमा है उसे बढ़ा दिया जाए. इसके अलावा जीएसटी कानून के तहत अपराध करने वाले करदाताओं से जुर्माना कुल देय राशि का केवल 25 फीसदी ही करने का सुझाव दिया गया है. फिलहाल यह जुर्माना 150 फीसदी तक जा सकता है. बता दें कि इस समिति में केंद्र व राज्य सरकारों के टैक्स अधिकारी भी शामिल हैं.