विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई (FPIs) ने इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पिछले महीने भी एफपीआई ने 36,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी. डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) में गिरावट के बीच एफपीआई का भारतीय बाजारों में निवेश जारी है. हालांकि, फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के ब्याज दरों पर निर्णय से पहले पिछले 4 सेशन में एफपीआई ने शेयरों से 3,300 करोड़ रुपये निकाले हैं.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर एफपीआई सिर्फ कुछ अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में मामूली खरीद करेंगे. वहीं ऐसे क्षेत्रों में वे मुनाफा काटेंगे जहां वे लाभ में हैं. उन्होंने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे सस्ते बाजारों में एफपीआई अधिक पैसा लगा सकते हैं.
नवंबर में भी FPI ने 36,239 करोड़ रुपये की लिवाली की थी
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, 1 से 9 दिसंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले नवंबर में भी उन्होंने 36,239 करोड़ रुपये की लिवाली की थी. वहीं इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने शेयरों से 8 करोड़ रुपये निकाले थे. सितंबर में भी उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे.
बिकवाली की वजह संभवत: फेडरल रिजर्व की आगे होने वाली बैठक
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले 4 सेशन में एफपीआई की बिकवाली की वजह संभवत: फेडरल रिजर्व की आगे होने वाली बैठक है. फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की इस साल के लिए अंतिम बैठक 13-14 दिसंबर को होनी है.