केंद्र सरकार ने व्यापार निकायों और बैंकों से अधिक देशों के साथ रुपये में व्यापार बढ़ाने को कहा है. सूत्रों ने बताया कि रूस, मॉरीशस और श्रीलंका के साथ रुपये में व्यापार को सुगम बनाने के बाद अब नये देशों को इस पहल में जोड़ने की कवायद की जा रही है. भारतीय बैंकों ने पहले से ही इन तीन देशों के बैंकों के साथ विशेष वोस्ट्रो रुपया खाते (एसवीआरए) खोले हैं. इन खातों से रुपये में व्यापार व्यवस्था को संचालित किया जा रहा है.
हाल ही में, एसबीआई मॉरीशस लिमिटेड और पीपल्स बैंक ऑफ श्रीलंका ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ एक स्पेशल वोस्ट्रो रुपी अकाउंट्स खोला था. इसके अलावा बैंक ऑफ सीलोन ने चेन्नई में अपनी भारतीय सब्सिडरी कंपनी में एक खाता खोला.
RBI दे चुका है स्पेशल वोस्ट्रो अकाउंट खोलने की अनुमति
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने रूस के रॉस बैंक का विशेष रुपया खाता खोला है. चेन्नई स्थित इंडियन बैंक ने कोलंबो स्थित एनडीबी बैंक और सीलोन बैंक सहित तीन श्रीलंकाई बैंकों के ऐसे खाते खोले हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी के बाद रूस के दो और श्रीलंका के एक बैंक सहित 11 बैंकों ने ऐसे कुल 18 विशेष रुपया खाते खोले हैं. आरबीआई ने जुलाई में घरेलू मुद्रा में सीमापार व्यापार लेनदेन पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे.
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को रुपये में आयात-निर्यात व्यापार की सुविधा के लिए 12 स्पेशल “वोस्ट्रो अकाउंट्स” खोलने की अनुमति दी थी. वोस्ट्रो अकाउंट के खुलने से भारत और रूस के बीच व्यापार के लिए भुगतान रूपये में करने की सुविधा मिलेगी. वहीं, भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार करना संभव हो पाएगा. क्योंकि आरबीआई डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए रुपये में विदेशी कारोबार को बढ़ावा देना चाहता है.
रुपये में भुगतान से क्या होगा फायदा?
भारत विदेशों से आयात होने वाले हर उत्पाद और सेवाओं का भुगतान डॉलर में करता है. चूंकि रुपये केमुकाबले ज्यादा महंगा होता है इसलिए हमें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं. लेकिन अगर ये भुगतान डॉलर की जगह रुपये में होगा तो आयतित वस्तुएं हमें सस्ती पड़ेंगी. जिसका सीधा असर जरूरी सामानों की कीमतों पर होगा.