भारत ने चीन को दो टूक संदेश दिया है. भारत ने चीन से कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा में एकतरफा बदलाव के चीन के प्रयासों को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा. दरअसल, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ‘भारत की विदेश नीति में नवीनतम विकास’ पर राज्यसभा में संबोधन दिया. संसद में उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चीन सीमा क्षेत्र में सेना का निर्माण कार्य जारी रखता है, तो इसका दोनों देशों के संबंधों पर गंभीर और विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इससे संबंध सामान्य नहीं रहेंगे.
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने राज्यसभा ने कहा, ‘कूटनीतिक तौर पर हमने चीन को स्पष्ट किया है कि हम एलएसी में एकतरफा बदलाव की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर वे ऐसा करना जारी रखते हैं जो सीमा क्षेत्र में गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं तो हमारे संबंध सामान्य नहीं रहे सकते.’ इसके अलावा उन्होंने राज्यसभा में कहा, ‘हम अपनी कंपनियों से रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं कहते. हम उनसे वह खरीदने के लिए कहते हैं जो उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है. यह बाजार पर निर्भर करता है. यह एक समझदार नीति है कि हम भारतीय लोगों के लिए अच्छा सौदा कहां से लाते हैं.’
मधुर संबंधों के लिए सीमा पर शांति जरूरी- जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संसद को बताया, ‘जहां तक गणतंत्र दिवस समारोह का संबंध है, हमने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है. उन्होंने विनम्रतापूर्वक निमंत्रण स्वीकार किया है.’ गौरतलब है कि इस साल अक्टूबर में विदेश मंत्री ने चीन के दूत सुन वेइदॉन्ग से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने चीन के दूत से कहा था कि अगर द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखना है तो सीमा पर शांति होना जरूरी है. इस मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट भी किया था- “भारत-चीन संबंधों का सामान्यीकरण दोनों देशों, एशिया और दुनिया के बड़े हित में है.”