कोरोना काल में चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने रिकॉर्ड बनाया है. दरअसल, रेलवे की माल ढुलाई (Freight Loading) और उससे होने वाली आय चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में पिछले साल के स्तर को पार कर गई है. रेलवे (Railways) ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
रेलवे ने को एक बयान में कहा कि अप्रैल-नवंबर 2022 की अवधि में उसने 97.87 करोड़ टन माल की ढुलाई की जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 90.31 करोड़ टन था. इस तरह रेलवे की माल ढुलाई में इस दौरान 8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
एक साल पहले की तुलना में 16 फीसदी ज्यादा कमाई
पीटीआई के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में रेलवे को माल ढुलाई से 1,05,905 करोड़ रुपये की आय हुई जो एक साल पहले की तुलना में 16 फीसदी ज्यादा है. अप्रैल-नवंबर 2021 में रेलवे को माल ढुलाई से 91,127 करोड़ रुपये की आय हुई थी.
नवंबर महीने में रेलवे ने 12.39 करोड़ टन माल की ढुलाई की
नवंबर महीने में रेलवे ने 12.39 करोड़ टन माल की ढुलाई की जो नवंबर 2021 के 11.69 करोड़ टन की तुलना में 5 फीसदी ज्यादा है. रेलवे ने अपने बयान में कहा कि ‘हंग्री फॉर कार्गो’ मुहिम के तहत माल ढुलाई को बढ़ावा देने की कोशिशों से उसे यह उपलब्धि हासिल हुई है.
200 वंदे भारत रेलगाड़ियों के मैन्युफैक्चरिंग व मेंटनेंस के लिए 5 बोलीदाताओं में BHEL शामिल
वहीं, पब्लिक सेक्टर की भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) उन 5 बोलीदाताओं में शामिल है, जिन्होंने 200 वंदे भारत रेलगाड़ियों के मैन्युफैक्चरिंग और अगले 35 वर्षों तक उनके मेंटनेंस के लिए बोली लगाई है. पूरा सौदा 58,000 करोड़ रुपये का है. भेल ने इसके लिए टीटागढ़ वैगन्स के साथ एक गठजोड़ बनाया है.