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क्या वैश्विक बाजार और करेंसी में उतार-चढ़ाव तय करेंगे इस हफ्ते घरेलू मार्केट की चाल? जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय

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स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुख और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रवाह से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा मंथली डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट्स के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए दिशा मिलेगी.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं होने की वजह से स्थानीय बाजार की दिशा वैश्विक रुख, कच्चे तेल के दाम और करेंसी के उतार-चढ़ाव से तय होगी. उन्होंने भी नवंबर के मंथली डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट्स के निपटान द्वारा बाजार में हलचल का अनुमान जताया है. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा कि इस बात की काफी संभावना है कि बाजार अभी ऊपर की ओर जाए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि व्यापक रूप से बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल रही है. बकौल गौर, संस्थागत निवेशकों का प्रवाह महत्वपूर्ण होगा पिछले कुछ सत्रों से इसमें कमी आई है.

बीते हफ्ते नुकसान में रहा बाजार
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 131.56 अंक या 0.21 प्रतिशत के नुकसान में रहा. वहीं, निफ्टी में 42.05 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट आई. पिछले हफ्ते वैश्विक बाजारों में भी कुछ कमजोरी का रुख देखने को मिला. सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 42,173.42 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. सबसे अधिक लाभ में आईसीआईसीआई बैंक और इन्फोसिस रही. आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 9,706.86 करोड़ रुपये बढ़कर 6,41,898.91 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वहीं, इन्फोसिस के बाजार मूल्यांकन में 9,614.89 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 6,70,264.99 करोड़ रुपये रहा.

विदेशी निवेशकों ने डाले 30,000 करोड़
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजारों में आक्रामक लिवाली का सिलसिला जारी है. नवंबर में अबतक उन्होंने शेयरों में 30,385 करोड़ रुपये का निवेश किया है।.भारतीय रुपये के स्थिर होने तथा दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने की वजह से विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत पर दांव लगा रहे हैं.

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