रूस (Russia) के दो दिवसीय दौरे पर आए विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने मंगलवार को कहा कि रूस वार्ता में प्रमुखता से यूक्रेन (Ukraine) पर चर्चा हुई. इसके साथ ही व्यापार और निवेश, परिवहन और रसद, और ऊर्जा क्षेत्र में परियोजनाओं पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत हुई. जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष का मुद्दा प्रमुख रहा, किसी भी संघर्ष के लिए ग्लोबल इकोनॉमी एक-दूसरे पर आश्रित है. रूस से तेल खरीदने पर, उन्होंने कहा कि यह सौदा भारत के लाभ के लिए काम करता है और इसलिए नई दिल्ली इसे जारी रखना चाहती है. मॉस्को और यूक्रेन के बीच बढ़ती शत्रुता पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच जयशंकर की लावरोव के साथ बैठक हो रही है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के संबंध ‘असाधारण’ रूप से दृढ़ और समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब आर्थिक सहयोग बढ़ने की पृष्ठभूमि में अब दोनों देशों का उद्देश्य ए, संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होना चाहिए. बैठक के दौरान अपने शुरूआती संबोधन में जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी, व्यापार एवं कारोबारी मुश्किलों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, ‘अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को इस मामले में सबसे ऊपर देख रहे हैं . आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के हमेशा बने रहने वाले मुद्दे भी हैं जिनका प्रगति तथा समृद्धि पर बाधाकारी असर होता है.’