अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन (Janet Yellen) का कहना है कि रूस के तेल की मूल्य सीमा (Russian oil price cap) निर्धारित होने से भारत को फायदा होगा. इस सप्ताह भारत यात्रा पर आ रही येलेन ने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता कि रूस युद्ध से ‘अनावश्यक रूप से लाभ’ उठाकर तेल की बढ़ी हुई कीमतों का आनंद लेता रहे. गौरतलब है कि भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी अब 22 प्रतिशत हो चुकी है जबकि इस साल मार्च तक यह आंकड़ा सिर्फ 0.2 प्रतिशत था.
अमेरिका और जी7 के अन्य देशों का लक्ष्य यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस को तेल से मुनाफा कमाने से रोकना है. साथ ही वे चाहते हैं कि रूस से दूसरे देशों को तेल की आपूर्ति होती भी रहे. रूस युक्रेन युद्ध के बाद से भारत रूस से ज्यादा तेल खरीद रहा है. ऐसा रूस द्वारा भारत को डिस्काउंट पर तेल देने के कारण हुआ है.
कीमतों पर लगे लगाम
येलेन ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि रूसी तेल की वैश्विक बाजारों की आपूर्ति जारी रहे, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि युद्ध के कारण रेट बढ़ने से रूस को अनुचित लाभ भी न हो. येलेन ने कहा कि रूसी तेल मूल्य सीमा से उन देशों को फायदा होगा, जो रूस से सस्ता तेल खरीदते हैं. येलेन ने कहा, ‘यदि भारत बीमा जैसी पश्चिमी वित्तीय सेवाओं का उपयोग करना चाहता है, तो मूल्य सीमा उनकी खरीद पर लागू होगी. हमारा मानना है कि मूल्य सीमा से उन्हें वैश्विक बाजारों में अच्छी छूट पाने का मौका मिलेगा. हमें उम्मीद है कि भारत को इस कार्यक्रम से फायदा मिलेगा.’