केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संकेत दिया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने पर विचार कर सकती है. सीतारमण ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार केंद्र द्वारा राज्यों को धनराशि के वितरण के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए यह संकेत दिया. सीतारमण ने यहां केंद्र-राज्य संबंधों पर एक व्याख्यान देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी हिचकिचाहट के 2014-15 में 14वें वित्त आयोग की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया था कि सभी करों का 42 प्रतिशत राज्यों को देना चाहिए.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘उस वित्त आयोग ने कहा था कि अब आप इसे बढ़ाकर 42 फीसदी कर दें. यानी केंद्र के हाथ में इससे कम धन राशि होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी हिचकिचाहट के वित्त आयोग की सिफारिश को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया और इसीलिए आज राज्यों को 42 प्रतिशत धन राशि मिलती है. जम्मू-कश्मीर को 41 प्रतिशत धन राशि मिलती है, क्योंकि वह एक राज्य नहीं है. संभवत: जल्द ही इसका राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा.’
गृहमंत्री ने कहा था- उचित समय पर देंगे राज्य का दर्जा
गौरतलब है कि 5 सितंबर 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था. जिसके बाद जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया था. सरकार ने तब जम्मू कश्मीर से अलग करते हुए लद्दाख को भी अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया था. गृहमंत्री अमित शाह ने तब कहा था कि उचित समय आने पर जम्मू कश्मीर को राज्य को दर्जा जरूर दिया जाएगा. फिलहाल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद कयासों का दौर जारी है.
अब देखने वाली बात होगी कि केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने को लेकर क्या विचार करती है.