भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष दिनेश खारा ने कहा कि वैश्विक मंदी का असर अन्य देशों की तुलना में भारत पर ज्यादा नहीं होगा. दरअसल यूरोप और यूएस में बिगड़ते आर्थिक हालात के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक मंदी की आशंका जता रहे हैं. देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक के अध्यक्ष दिनेश खारा ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में न्यूज एजेंसी को बताया कि 6.8 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के साथ भारत काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.
दिनेश खारा ने आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठक के दौरान कहा कि वैश्विक मंदी आती है तो इंडिया पर इसका असर उतना नहीं पड़ेगा, जितना दूसरे देशों पर पड़ेगा.
‘ग्लोबल इकोनॉमी पर भारत की निर्भरता कम’
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, “मुख्यत: मांग के लिहाज से भारत की ज्यादा निर्भरता घरेलू बाजार पर है. इसलिए कि जीडीपी का बड़ा हिस्सा घरेलू इकोनॉमी से जुड़ा है. मेरा मानना है कि वैश्विक मंदी का असर हमारे पर होगा, लेकिन यह दूसरे देशों की तुलना में बहुत कम होगा.”
वहीं, दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाएं ग्लोबल इकोनॉमी से ज्यादा जुड़ी हैं या उन पर अधिक निर्भर है. यदि हम बीटा फैक्टर को देखें तो भारत की अर्थव्यवस्था का बीटा फैक्टर काफी कम होगा. इसका कारण यह है कि दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक्सपोर्ट बहुत ज्यादा है.
वहीं, दिनेश खारा के अनुसार, मौजूदा हाल में ग्लोबल इकोनॉमी की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बहुत अच्छा है और इसकी ग्रोथ 6.8 फीसदी रहने की उम्मीद है. इसके अलावा महंगाई भी नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि भारत में महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह डिमांड नहीं है बल्कि सप्लाई से जुड़ी परेशानियां हैं.
बता दें कि इससे पहले भी कई अर्थशास्त्री यह कह चुके हैं कि वैश्विक मंदी का भारत पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा. दरअसल यूरोप और अमेरिका में बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण आर्थिक संकट गहराने लगा है.