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इस महीने अपनी पहली कमर्शियल लॉन्चिंग करेगा ISRO, वनवेब के 36 उपग्रहों को LEO में भेजेगा

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को जानकारी दी कि वह यूनाइटेड किंगडम के वैश्विक संचार नेटवर्क ‘वन वेब’ (One Web) के 36 उपग्रहों को अपने सबसे भारी लॉन्चर LVM3 या लॉन्च व्हीकल मार्क III के जरिए इस महीने के अंत में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करेगा. ‘वनवेब इंडिया-1 मिशन/एलवीएम3 एम2’ के तहत होने वाला 36 उपग्रहों का यह प्रक्षेपण इसरो के LVM3 की ग्लोबल कर्मिशियल लॉन्च सर्विस मार्केट में एंट्री कराएगा. इसरो के कर्मशियल आर्म ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ ने ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में लॉन्च करने के लिए One Web के साथ 2 सर्विस कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं.

इसरो ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि वह वन वेब के साथ अपने अनुबंध के तहत आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से कंपनी के 36 उपग्रहों को LVM3 द्वारा पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा. इस लॉन्च के साथ, वनवेब अपने ‘Gen 1 LEO Constellations’ प्लान का 70 प्रतिशत से अधिक अचीव कर लेगा. कंपनी का यह प्रोजेक्ट गवर्नमेंट, बिजनेस और आम लोगों को हाई स्पीड कनेक्टिविटी सर्विस प्रदान करने के लिए है.

इसरो ने अपने ट्विटर हैंडल पर लॉन्च की तैयारियों के बारे में विवरण साझा किया, जिसमें बताया गया कि आने वाले दिनों में लॉन्च व्हीकल के क्रायोजेनिक अपर स्टेज का इंटीग्रेशन और 36 सैटेलाइट्स के साथ पेलोड फेयरिंग का इंटीग्रेशन पूरा होगा, जिससे यह प्रोजेक्ट अक्टूबर के तीसरे या चौथे सप्ताह तक लॉन्च के लिए तैयार होगा. वनवेब- 648 LEO उपग्रहों के एक समूह द्वारा संचालित वैश्विक संचार नेटवर्क है, जिसका मुख्यालय लंदन में है. फरवरी 2019 में इसकी स्थापना हुई थी. इसका उद्देश्य LEO उपग्रहों के एक समूह के माध्यम से दुनिया भर में हर जगह कनेक्टिविटी प्रदान करना है. भारती एयरटेल वन वेब की एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक कंपनी है.

भारती एयरटेल एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल ने पिछले साल अक्टूबर में इंडियन स्पेस एसोसिएशन की शुरुआत के मौके पर अपने संबोधन में कहा था कि हमारी योजना 2022 मध्य से वन वेब सैटेलाइट के जरिए देश में कनेक्टिविटी सर्विस शुरू करने की है. उन्होंने कहा था, ‘वन वेब पहली कस्टमर होगी जो इंडियन स्पेस मार्केट को कर्मशियल बनाना शुरू करेगी.’ उन्होंने कहा था कि कई बड़े देशों ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है और सरकार के समर्थन के बिना उनके बराबर जा पाना संभव नहीं है. मित्तल ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि ISpA के जरिए अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय ग्राहक एशिया में इसरो के दरवाजे पर आएंगे. हमारा भविष्य काफी उज्ज्वल है. प्रधानमंत्री मोदी हमें रास्ता दिखा रहे हैं.’ वर्तमान में वन वेब के अंतरिक्ष में 322 सैटेलाइट हैं.

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