अगर आप भी शेयर बाजार में रुचि रखते हैं तो इसके लिए आपको अपने डीमैट अकाउंट को आज ही टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (two-factor authentication) करना होगा. ऐसा नहीं करने पर आपको 3 अक्टूबर 2022 को अपना डी-मैट अकाउंट खोलने में परेशानी होगी. इंटरनेट-आधारित ट्रेडिंग (IBT) और वायरलेस तकनीक (STWT) का उपयोग करके सिक्योरिटीज ट्रेडिंग के माध्यम से उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए गए किसी भी एप्लिकेशन पर डीमैट खाताधारकों को 30 सितंबर, 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना जरूरी हो जाएगा.
बता दें कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 14 जून, 2022 को डीमैट अकाउंट-होल्डर्स के लिए एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को लागू करने के लिए एक शेड्यूल तैयार किया गया है. NSE ने कहा है कि डीमैट अकाउंट-होल्डर्स को 30 सितंबर 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करना होगा. ऐसा नहीं करने पर आप अपने अकाउंट में लॉग-इन नहीं कर पाएंगे.
क्या होता है डीमैट अकाउंट?
कोई भी व्यक्ति जो भारत में शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है यानी शेयर खरीदना या बेचना चाहता है, उसे डीमैट खाते की जरूरत होती है. यह निवेशकों के लिए अपने शेयरों और प्रतिभूतियों जैसे म्यूचुअल फंड, बॉन्ड आदि को डिजिटल रूप से रखने का एक प्लेटफॉर्म है. एक व्यक्ति का डीमैट खाता उसके ट्रेडिंग खाते से जुड़ा होता है.
एनएसई ने अपने सर्कुलर में कहा है कि यूजर्स को बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को नॉलेज फैक्टर या पजेशन फैक्टर के साथ ऑथेंटिकेशन फैक्टर में से किसी एक को सिलेक्ट करना होगा.
जानें कैसे करें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल
सर्कुलर के मुताबिक बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग पासवर्ड/पिन या ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन के साथ किया जाएगा. अगर बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन संभव न हो, तो ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन के साथ पासवर्ड/पिन के कॉम्बिनेशन का उपयोग करके डीमैट अकाउंट में लॉगिन की अनुमति दी जानी चाहिए.
NSE के अनुसार टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन एक बार का काम है. एक बार जब आप इसे पूरा कर लेते हैं, तो आप अपनी लॉग-इन आईडी, पासवर्ड और एक जरूरी सिक्योरिटी इमेज का उपयोग करके अपने अकाउंट में लॉग-इन कर सकते हैं. इसके साथ ही आपके डिपॉजिटरी को किसी भी अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता हो सकती है.