केंद्र सरकार (Central Government) ने जलदूत ऐप (Jaldoot app) लांच किया है इससे देशभर में ग्राउंड वाटर की स्थिति और मॉनिटरिंग की जानकारी मिल सकेगी. केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज्य मंत्रालय ने मिलकर जलदूत ऐप की शुरुआत की है. ये एक ऐसा ऐप है जिसके माध्यम से आने वाले समय में देश के हर गांव में बने जलाशयों के पानी के स्तर की जानकारी मिल पाएगी. इसके लिए पूरा खाका तैयार किया गया है.
दरअसल, जलदूत एक ऐप है जिसमें देश के अलग-अलग गांवों में काम करने वाले ग्राम रोजगार सहायक को इस ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. ये लोग जलदूत भी कहलाएंंगे. रजिस्टर्ड होने के बाद उसे साल में दो बार अपने-अपने गांवों के सभी जलाशयों के जलस्तर को नापकर उसकी जानकारी ऐप में डालनी हाेगी. उसके साथ ही उन्हें अपनी एक फोटो उस कुएं या जलस्राेत के पास खींचकर अपलोड करनी होगी जहां की वो माप कर रहे हैं. इससे ये डाटा सीधे केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास पहुंच जाएगा.
ऐप को सीधे पंचायत को जोड़ेंगे, जल स्तर उठाने के कामों की जिम्मेदारी
इससे यह पता चलेगा कि जिस जल स्तर को उठाने के लिए सरकार बड़े काम कर रही है वो सही तरीके से हो भी रहा है या नहीं. इस जलदूत ऐप का केन्द्रीय मंत्री फगन सिंह कुलस्ते, साध्वी निरंजन ज्योति और कपिल मोरेश्वर पाटिल ने इस ऐप को लॉंच किया. केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह सिंह कुलस्ते ने बताया इस ऐप से सीधे पंचायत को जोड़ेंगे. राज्य सरकार के ऊपर इसकी जिम्मेदारी है. प्रदेशोंं में जो चेक डेम है उनकी सफाई कैसे हो ये देखना होगा. ये पानी हमें रोकना पड़ेगा जो वहां से रिलीज़ हो जाता है. अमृत सरोवर के काम में भी तेजी लाने की जरूरत है.
अगर पानी बचेगा तभी कुछ कर पाएंगे: साध्वी निरंजन ज्योति
वहीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि उनके जिले में 13 ब्लॉक थे जो 2 सूखे से बाहर थे. लेकिन जब से सरकार बनी तब से हमारे जिले में आज 2 ब्लॉक ऐसे है जो डार्क जोन में है. अगर पानी बचेगा तभी कुछ कर पाएंगे. कपिल मोरेश्वर पाटिल के मुताबिक पीएम जिस तरह से पानी को लेकर सोचते है उसे हम लोग जमीन पर ले जाने की कोशिश कर रहे है. कोशिश को परिणाम तक ले जाने की जिम्मेदारी राज्य की है. करीब 2 लाख 55 हज़ार पंचायत है.