वाहनों में आगे के साथ-साथ पिछली सीट बेल्ट बांधने का भी नियम है. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस पी. मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत के बाद सीट बेल्ट का मामला खासा चर्चा में है. पिछली सीट बेल्ट बांधने का नियम 2002 से ही लागू है, लेकिन अब पुलिस इस सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है.
सड़क परिवहन के एक्सपर्ट अनिल छिकारा बताते हैं कि पिछली सीट पर बैठने वालों के लिए 2002 से ही सीट बेल्ट बांधने का नियम है. वे बताते हैं कि 2002 से पहले केवल आगे की सीट पर बेल्ट होती थीं. लेकिन 2001 में नोटिफिकेशन निकलने के बाद 2002 में पीछे की सीट पर बेल्ट लगाने का नियम बना दिया गया था. इस तरह वाहन में उपलब्ध सीट बेल्ट सभी को बांधना अनिवार्य कर दिया गया था.
सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स (सीएमवीआर) के 139 (3) के अनुसार आगे की सीट पर बैठने वाले या पीछे की सीट पर आगे की ओर चेहरा कर बैठने वालों को सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है. चूंकि देश में सभी वाहनों में पीछे बैठने वालों का चेहरा सामने की ओर होता है, इसलिए सभी वाहनों में पीछे सीट बेल्ट बांधने का नियम है.
पिछली सीट बेल्ट पर भी लगेगा अलार्म
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा कि पिछली सीट पर भी बेल्ट के साथ अलार्म लगाने का प्रावधान किया जाएगा. जिस तरह आगे की सीट पर बेल्ट न बांधने पर लगातार अलार्म बजता है, उसी तरह पिछली सीटों पर अलार्म लगया जाएगा. यानी अगर पीछे की सीट पर बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट नहीं बांधी तो लगातार अलार्म बजता रहेगा.
ट्रैफिक पुलिस बरतेगी सख्ती
दिल्ली, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की ट्रैफिक पुलिस पिछली सीट न बांधने वालों पर सख्ती बरतेगी. गाजियाबाद के एसपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाती रहती है. अब पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति द्वारा बेल्ट न बांधने कार्रवाई की जाएगी.