प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) की बैठक में गेहूं के आटे के निर्यात पर दी गई छूट वाली नीति में बदलाव करने की मंजूरी दे दी है. सीसीईए की मंजूरी के बाद अब गेहूं के आटे के निर्यात पर बैन लगाया जा सकेगा.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंत्रिमंडल के इस निर्णय से अब गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति होगी. इससे आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा और समाज के सबसे कमजोर तबके के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय के अधिसूचना जारी करने के बाद नीति में बदलाव प्रभावी हो जाएंगे.
गेहूं के आटे के निर्यात पर रोक या कोई प्रतिबंध नहीं लगाने की नीति थी. इसी कारण गेहूं आटे का भारत निर्यात कर रहा है. खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश में गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये इसके निर्यात पर प्रतिबंध से छूट को वापस लेकर नीति में आंशिक संशोधन की जरूरत कई दिनों से महसूस हो रही थी. इसलिए आज हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में गेहूं आटे के निर्यात से संबंधित नीति में बदलाव की मंजूरी दी है.
आटा निर्यात में 200 फीसदी उछाल
सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. लेकिन, गेहूं आटा के निर्यात पर रोक न लगाने का फैसला किया. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं की सप्लाई बाधित होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं और गेहूं के आटे की मांग और भावों में भारी उछाल आया है. भारत से गेहूं आटे का निर्यात इस साल अप्रैल-जुलाई में सालाना आधार पर 200 प्रतिशत बढ़ गया है.