खाद्य एवं सावर्जनिक वितरण विभाग ने कहा है कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है और इसका आयात नहीं किया जाएगा. विभाग का यह बयान मिंट की एक खबर के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक नहीं है और सरकार इसके आयात के बारे में विचार कर सकती है.
खबर में कहा गया था कि अगस्त में गेहूं का स्टॉक 14 माह के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है और गेहूं की कीमतों में 12 फीसदी की तेजी आ चुकी है. इसके अलावा खबरें थी कि हीट वेव के कारण गेहूं की फसलों पर असर पड़ा है और उत्पादन कम हुआ है. इससे कीमतें तेजी से ऊपर गई हैं.
खाद्य एवं सावर्जनिक वितरण विभाग ने ट्विटर पर इस खबर पर ही प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भारत में गेहूं आयात की कोई योजना नहीं है. देश के पास जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है और एफसीआई के पास भी सार्वजनिक वितरण के पर्याप्त भंडार है.” बता दें कि मिंट से पहले अंतरराष्ट्रीय बिजनेस वेबसाइट ब्लूमबर्ग ने भी कहा था कि भारत सरकार विदेशों से गेहूं खरीदने पर विचार कर रही है. ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से लिखा था कि 2021-22 के लिए गेहूं का उत्पादन 10.7 करोड़ टन रह सकता है जो फरवरी में लगाए गए 11.1 करोड़ टन के अनुमान से काफी कम है. वहीं, ट्रेडर्स और मिल मालिकों का मानना है कि उत्पादन 9.8 करोड़ से 10.2 करोड़ टन रह सकता है.
गेहूं के दाम में तेजी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में गेहूं की कीमतों में 11.7 फीसदी की तेजी आई है. वहीं, थोक कीमतें 13.6 फीसदी बढ़ी हैं. गौरतलब है कि भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के बावजूद बहुत अधिक निर्यात नहीं करता है. जबकि देश में गेहूं के वार्षिक उत्पादन का 0.02 फीसदी आयात विदेशों से मंगाया जाता है.