चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत करने के लिए भारत अमेरिका से 3 बिलियन डॉलर के 30 MQ-9B ड्रोन खरीदने जा रहा है. इस सैन्य डील को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत अगले स्तर पर पहुंच गई है. इस पूरे घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने इस बात की जानकारी दी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सेना के तीनों विंग के लिए लंबे समय तक सेवाएं देने वाले हंटर-किलर ड्रोन खरीदे जा रहे हैं. क्योंकि ये समुद्री निगरानी, पनडुब्बी रोधी युद्ध और जमीनी लक्ष्यों से जुड़ी भूमिकाओं को पूरा कर सकते हैं. एमक्यू-9बी ड्रोन एमक्यू-9 “रीपर” का एक प्रकार है जिसका इस्तेमाल हेलफायर मिसाइल दागने के लिए किया जाता है. इसके जरिए पिछले महीने अफगानिस्तान में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को मार दिया गया था.
रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच अमेरिकी रक्षा प्रमुख जनरल एटॉमिक्स द्वारा निर्मित ड्रोन की सरकार-से-सरकार खरीद के लिए बातचीत चल रही है. जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी डॉ विवेक लाल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अधिग्रहण कार्यक्रम को लेकर दोनों सरकारों के बीच बातचीत अंतिम चरण में है. सूत्रों ने कहा कि फिलहाल यह बातचीत लागत से जुड़े पहलू, हथियार पैकेज और टेक्नोलॉजी शेयर से संबंधित कुछ मुद्दों को सुलझाने पर केंद्रित है.
ड्रोन खरीदी का यह प्रस्ताव अप्रैल में वाशिंगटन में भारत और अमेरिका के बीच चौथे दौर की ‘टू प्लस टू’ विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय संवाद में आया था. साल 2020 में भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में निगरानी रखने के लिए यूएस जनरल एटॉमिक्स से दो MQ-9B सी गार्डियन ड्रोन एक वर्ष की अवधि के लिए लीज पर लिए थे. हालांकि बाद में लीज की अवधि बढ़ा दी गई. बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध के बाद भारत ने खोजी विमानों के बेड़े का उपयोग करके एलएसी पर निगरानी बढ़ा दी है.