देश के 25 एयरपोर्ट (airports) में नाइट लैंडिंग (night landing) की सुविधा न होने से यहां से रात में विमानों की आवाजाही नहीं हो पाती है. नाइट लैंडिंग की सुविधा के बगैर संचालित हो रहे एयरपोर्ट सबसे अधिक हिमाचल प्रदेश में तीन हैं. इसके बाद कई राज्यों में दो-दो एयरपोर्ट ऐसे हैं. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) कई एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी है.
देश में 141 एयरपोर्ट से विमानों का संचालन हो रहा है. इन एयरपोर्ट से उड़ान, शेड्यूल, नॉन शेड्यूल, डोमेस्टिक और इंटरनेशनल विमानों की आवाजाही होती है. इन 141 एयरपोर्ट में 25 एयरपोर्ट में रात में विमानों की आवाजाही नहीं हो पाती है.
संसद में दिया गया जवाब
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने संसद में बताया कि नाइट लैंडिंग सुविधा के प्रावधान सहित हवाईअड्डों का उन्नयन / आधुनिकीकरण एक सतत प्रक्रिया है और यह एयरपोर्ट अथारिटी (एएआई) और अन्य हवाईअड्डा प्रचालकों द्वारा समय-समय पर भूमि की उपलब्धता, वाणिज्यिक व्यवहार्यता, सामाजिक-आर्थिक विचारण, यातायात की मांग / ऐसे हवाई अड्डों से / के लिए प्रचालन करने के लिए एयरलाइनों की इच्छा आदि के आधार पर किया जाता है. वर्तमान में नाइट लैंडिंग सुविधा, जो एयरलाइनों की प्रचालन आवश्यकता और भूमि की उपलब्धता पर आधारित विशुद्ध रूप से मांग और आवश्यकता है.
इन एयरपोर्ट पर नहीं नाइट लैंडिंग की सुविधा
आंध्र प्रदेश में कडप्पा, कुरनूल, असम में रूपसी, अरुणाचल प्रदेश में तेज और पासीघाट, छत्तीसगढ़ में बिलासपुर और जगदलपुर, दमन और दीव में दीव, गुजरात में केशोद, हरियाणा में हिसार, हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला, शिमला और कुल्लू, झारखंड में देवघर, कर्नाटक में कलबुर्गी, लक्ष्यदीप में अगाती, महाराष्ट्र में कोल्हापुर और सिंधुदुर्गे, पंजाब में लुधियाना, पुदुचेरी में पुदुचेरी, सिक्किम में पाक्योग, तमिलनाडु में सलेम, उत्तराखंड में पंतनगर और पिथौरागढ़, उत्तर प्रदेश प्रदेश में कुशीनगर में लाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं है.