अधिकांश कंपनियां कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) उनकी सैलरी के हिस्से के रूप में देती हैं. आयकर अधिनियम के तहत कर्मचारियों को भुगतान किए गए घर के किराए पर टैक्स लाभ मिलता है. हालांकि, कई ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें एचआरए नहीं दिया जाता है लेकिन वे किराए के घर में रहते हैं. ये कर्मचारी भी अधिनियम की धारा 80जीजी के तहत भुगतान किए गए मकान के किराए पर टैक्स में कटौती का दावा कर सकते हैं.
हालांकि, इसका फायदा पाने के लिए कुछ नियम और शर्तों को पूरा करना होगा. उदाहरण के लिए अगर आप 80जीजी के तहत कटौती का दावा कर रहे हैं तो आपको उस वित्तीय वर्ष के दौरान एचआरए प्राप्त नहीं होना चाहिए. बिजनेस या अपना कुछ काम करने वाले लोग भी इस धारा के तहत टैक्स में कटौती का दावा कर सकते हैं.
किन शर्तों का करना होगा पालन
80जीजी के तहत कटौती का दावा करने वाले व्यक्ति का शहर में कोई घर नहीं होना चाहिए. जिस शहर में वह काम कर रहा है वहां पति या पत्नी, नाबालिग बच्चे या हिंदू अविभाजित परिवार के नाम पर कोई घर नहीं होना चाहिए. अगर आप जिस शहर में काम करते हैं और वहां उपरोक्त में से आपसे संबंधित किसी भी शख्स के पास मकान है तो आप 80जीजी के तहत टैक्स छूट क्लेम नहीं कर पाएंगे.
कौन कर सकता है छूट का दावा
अगर आप जिस शहर में काम कर रहे हैं वहां आपके पास कोई मकान नहीं है तो आप 80जीजी के तहत रेंट पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. आप किसी अन्य शहर में मकान के मालिक हो सकते हैं. इस तथ्य का छूट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. करदाता को एक फॉर्म 10बीए भरना होगा. जिसके बाद वो इस कटौती का दावा कर पाएगा. वहीं, जिस करदाता ने वैकल्पिक या नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है, वो इस कटौती का दावा नहीं कर पाएगा.
80जीजी के तहत कितनी छूट
इस धारा के तहत आपको हर महीने 5,000 रुपये तक के किराए या साल की कुल आय के 25 फीसदी तक पर छूट मिल सकती है. बता दें कि धारा 80 आयकर अधिनियम के चैप्टर 6ए का हिस्सा है. इसमें 19 धाराएं हैं जिसके तहत आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.