आईटीआर भरने के लिए आपके पास आज का दिन मिलाकर कुल 3 तीन का समय है. ऐसे में आपको कई तरह की गणनाएं करनी होंगी ताकि आप आयकर विभाग को अपनी आय के बारे में सही जानकारी मुहैया कराएं. यह आय आपका वेतन, सेविंग्स अकाउंट से मिलने वाला ब्याज या एफडी का इंटरस्ट हो सकती है. गौरतलब है कि एफडी पर आपका टीडीएस भी कटता है जिसे आप क्लेम कर सकते हैं.
किसी अन्य सोर्स से मिलने वाली आय पर भारतीय नागरिकों का 10 फीसदी टीडीएस कटता है. मिंट के अनुसार, इसी नियम के अंतर्गत हर साल के अंत में आपकी एफडी पर भी टीडीएस कटता है. लेकिन आयकर विभाग करदाताओं को इसे क्लेम करने का अवसर भी देता है.
कितना कटेगा टीडीएस
एफडी पर टीडीएस रिफंड की बात करने से पहले आपको यह बता दें कि एफडी पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है. आपका टैक्स कटेगा लेकिन टीडीएस वापस मिल जाएगा. अब बात टीडीएस की. अगर आपके पास एफडी है जिसका सालाना ब्याज 40,000 रुपये या उससे अधिक है तो उस पर बैंक हर साल के अंत में 10 फीसदी टीडीएस काट लेगा. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसमें अतिरिक्त 10,000 रुपये की छूट है. इसका मतलब है कि उनका टीडीएस 50,000 रुपये के सालाना ब्याज से कटना शुरू होगा. यहां एक पहलू यह भी कि अगर आपके बैंक के पास आपका पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) नहीं है तो ब्याज पर 20 फीसदी टीडीएस कटेगा.
किसका टीडीएस कटेगा और किसका नहीं?
मान लीजिए आपने बैंक में 1-1 लाख रुपये की 2 एफडी खोली है जिस पर आपको पहले साल में 6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है तो आपको कुल 12,000 रुपये ब्याज मिलेगा. इस पर बैंक टीडीएस नहीं काटेगा. वहीं, अगर एक एफडी 10,000,00 रुपये की है जिस पर आपको 60,000 रुपये का ब्याज मिला है तो इस पर 10 फीसदी का टीडीएस कटेगा जिसे आप आईटीआर भरते समय क्लेम कर सकेंगे.