पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके कार्यकाल की समाप्ति पर लिखे गए पत्र को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में कहा, ‘पीएम मोदी के इस पत्र ने मेंरे मन को गहराई से छुआ है. मैं दयालुता और प्यार से भरे उनके हार्दिक शब्दों को उस सम्मान के प्रतिबिंब के रूप में लेता हूं, जो साथी नागरिकों ने मुझ पर बरसाए हैं. मैं आप सभी का हृदय से आभारी हूं.’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर रहते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल की तारीफ की है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को सैल्यूट करते हुए लिखा है, ‘आपने अपने कार्यकाल के दौरान उच्च मानक स्थापित किए. देश के राष्ट्रपति के रूप में आपका कार्यकाल ईमानदारी और प्रदर्शन, संवेदनशीलता और सेवा की भावना से ओतप्रोत रहा. मैं पूरे देश की ओर से राष्ट्रपति के रूप में आपके शानदार कार्यकाल और एक लंबे सार्वजनिक जीवन के लिए आपको बधाई देता हूं.’
गौरतलब है कि भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद का कार्यकाल गत 24 जुलाई को समाप्त हो गया. द्रौपदी मुर्मू ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को अपना पदभार ग्रहण कर लिया. रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई, 2017 को भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया था. गत 23 जुलाई को उनके सम्मान में दिल्ली के अशोका होटल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात्रि भोज का आयोजन किया था. इसी दिन संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में रामनाथ कोविंद ने अपना विदाई भाषण भी दिया.
उन्होंने अपनी फेयरवेल स्पीप में कहा, ’आज मैं आप सभी लोगों से बिदाई ले रहा हूं. मेरे मन कई स्मृतियां उमड़ रही हैं. बीते वर्षों में मैंने कई यादगार पल आप लोगों के साथ बिताए. आज से 5 वर्ष पहले इसी स्थान पर मैंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. आप सभी के लिए यह गर्व की बात है कि आप भारत की जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं. देश के सभी पूर्व राष्ट्रपति मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं. मैंने अपने कार्यकाल के दौरान दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम किया. हम सभी संसदरूपी परिवार हैं. इसलिए हमें संयुक्त परिवार का हिस्सा होकर काम करना होता है. जिस तरह परिवारों में लोगों के बीच मतभेद होते हैं, उसी तरह संसद में भी विभिन्न सांसदों के बीच मतभेद हो सकते हैं. लेकिन आगे का रास्ता कैसे तय करना है, यह आप लोगों पर निर्भर करता है.’