इंडस्ट्री चैंबर फिक्की (FICCI) ने भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान में कटौती की है. फिक्की ने चालू वित्त वर्ष (FY23) के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.4 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितताओं की वजह से फिक्की ने ग्रोथ रेट के अनुमान में कमी की है.
सर्वे में दावा- रेपो रेट को बढ़ाकर 5.65 फीसदी करेगा RBI
फिक्की के इकोनॉमिक आउटलूक सर्वे (जुलाई 2022) में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक मुख्य नीतिगत दर रेपो को बढ़ाकर 5.65 फीसदी करेगा. अभी रेपो रेट 4.9 फीसदी है.
यह सर्वेक्षण जून में किया गया था और इसमें इंडस्ट्री, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी की वृद्धि दर 7 फीसदी रह सकती है. फिक्की ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अधिकतम 7.3 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. वहीं न्यूनतम वृद्धि दर का अनुमान 6.5 फीसदी है.
वैश्विक अनिश्चितता का असर
फिक्की ने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितता और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को देखते हुए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7 फीसदी किया गया है. अप्रैल, 2022 के सर्वेक्षण में 7.4 फीसदी की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया गया था.’’
ADB ने भी घटाया भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान
गौरतलब हौ कि एशियाई विकास बैंक यानी एडीबी (Asian Development Bank) ने भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान में कटौती की है. एडीबी ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इसे घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है. इससे पहले, अप्रैल में एडीबी ने भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.