पहले पोलियो को लेकर कहा जाता था कि यह दूषित पानी या भोजन के माध्यम से फैलता है. इसके अलावा पोलियो के फैलने का एक अन्य तरीका संक्रमित व्यक्ति की लार द्वारा मौखिक से मौखिक (Oral to Oral) ट्रांसमिशन से होता है. लेकिन अब एक्सपर्ट ने दावा किया है कि यह हवा से भी फैलता है. एक्सपर्ट का मानना है कि अब पोलियो के लिए मौखिक खुराक के बजाय इंजेक्शन की जरूरत है.
25 साल पहले पल्स पोलियो अभियान को बढ़ावा देने वाले एक्सपर्ट डॉक्टर टी जैकब जॉन अब लकवा वायरस को खत्म करने की रणनीति में बदलाव करना चाहते हैं. प्रमुख मेडिकल जर्नल द लैंसेट में बुधवार को प्रकाशित एक पत्र में जैकब जॉन और मुंबई स्थित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ धन्या धर्मपालन ने इस बात को रेखांकित (underline) किया है कि जंगली पोलियो वायरस (Wild Polio Virus) का ट्रांसमिशन श्वसन (respiratory transmission) के माध्यम से होता है. इसके साथ ही यह हवा (airborne route) से भी फैलता है.
पोलियो के फैलने को लेकर पहले केवल अनुमान
बाल रोग विशेषज्ञ, और सीएमसी वेल्लोर के वायरोलॉजिस्ट डॉ जॉन कहते हैं 80 और 90 के दशक में जंगली वायरस (प्राकृतिक) पोलियो उन समृद्ध देशों में नहीं पाया गया था जहां से इसके सभी विशेषज्ञ आए थे. कम आय वाले देशों में पोलियो के साथ-साथ खराब स्वच्छता और उससे होने वाली डायरिया बीमारी थी. विशेषज्ञों का अनुमान था कि प्राकृतिक पोलियो भी मल और मौखिक मार्ग (faecal and oral route) से फैल रहा था. लेकिन यह केवल एक अनुमान था.
पोलियो खसरे की तुलना में अधिक संक्रामक
डॉ. धर्मपालन का कहना है कि पोलियो संक्रमण शैशवावस्था (infancy) में केवल स्तनपान के दौरान देखा गया है. जिसमें संक्रमण की औसत आयु 15 महीने है. जंगली पोलियो वायरस की मूल प्रजनन दर 40 से 45 थी, जबकि खसरे में यह दर 30 थी. इसलिए, पोलियो खसरे की तुलना में अधिक संक्रामक है.
कि GPEI (Global leaders urge action on polio eradication) दूसरी चूक वैक्सीन का उपयोग उनकी महामारी विज्ञान की आवश्यकता से परे जारी रखने की थी. जो कई बार पोलियो का कारण बनती है. उदाहरण के लिए जंगली पोलियो वायरस टाइप 2 को अक्टूबर 1999 में समाप्त कर दिया गया था, ओपीवी टाइप 2 वैक्सीन अप्रैल 2016 तक जारी रहा.