देशभर में आज यानी कि शुक्रवार से सभी व्यस्क लोगों को अगले 75 दिन तक मुफ्त में सरकारी केंद्रों पर बूस्टर डोज दिया जाएगा. दरअसल, बूस्टर डोज लेने वाले लोगों की संख्या काफी कम है, जबकि पात्र लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में सरकार ने बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए ये अभियान चलाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर लिखा, ‘आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज से पूरे देश की व्यस्क आबादी को मुफ्त प्रीकॉशन डोज लगाने का 75 दिन का कार्यक्रम शुरू हो गया है. मेरा आग्रह है कि बारी आने पर प्रिकॉशन डोज जरूर लें. पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार स्वास्थ्य भारत, सुरक्षित भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.’
भारत में कोरोना से मुकाबला करने के लिए बनाई गई वैक्सीन की पहली डोज की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 को हुई थी. सबसे पहला टीका दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में सफाईकर्मी 34 वर्षीय मनीष कुमार को लगा था. 2021 भारत के लिए स्वर्णिम रहा. क्योंकि इस साल भारत ने न केवल स्वदेशी वैक्सीन बनवाई बल्कि भारत सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादन वाला देश बन गया. इसके बाद भारत में लोगों को कोरोना वैक्सीन देने की शुरुआत होने लगी.
तीन चरणों में चलाया गया वैक्सीनेशन प्रोग्राम
कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तीन चरणों में चलाया गया. सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई, उसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स (पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, अलग-अलग सुरक्षा बल) को वैक्सीन लगाई गई. इसके बाद देश के बुजुर्गों को वैक्सीन लगाई गई. इस तरह से भारत में वैक्सीन के लिए चलाई गई ये योजना सफल हो गई.
1 अप्रैल, 2021 से शुरू हुआ टीकाकरण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2021 के 1 अप्रैल से सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की अभियान की शुरुआत हो गई. इसी साल 21 अक्टूबर को दोपहर में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 100 करोड़ डोज लग जाने का ऐलान किया. उस वक्त दुनियाभर में भारत पहला देश था, जिसने इतनी अधिक संख्या में लोगों का वैक्सीनेशन किया था. उम्मीद जताई जा रही है कि भारत जल्द ही कोरोना की 200 करोड़ डोज लगाने का रिकॉर्ड बनाएगा. कोरोना से मुकाबले के लिए देश में तीसरी डोज यानी कि बूस्टर डोज लगने का सिलसिला जारी है. हाल ही में सरकार ने दोनों डोज और बूस्टर डोज के बीच गैप को कम किया है.
75 दिन तक सरकारी केंद्रों पर फ्री में लगाए जाएंगे बूस्टर डोज
इस वक्त देश में 92 फीसदी से ज्यादा लोग कोरोना का बूस्टर डोज लेने के पात्र हैं, लेकिन देश में बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या काफी कम है. यही कारण है कि सरकार ने बूस्टर डोज के लिए 75 दिन का अभियान शुरू किया है. वहीं 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण को भी स्कूल आधारित अभियानों के माध्यम से पूरा किया जाएगा. टीकाकरण में तेजी को लेकर केंद्र सरकार ने 1 जून से दूसरी बार ‘हर-घर दस्तक 2.0’ डोर-टू-डोर अभियान शुरू किया था.