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आईटीआर भरते समय न करें 5 गलतियां, नोटिस और टैक्स दोनों से बचें

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टैक्स डिडक्शन का क्रेडिट नहीं लेना- कई बार हमें उम्मीद से कम रिफंड मिलता है. कभी-कभी हमें रिफंड ड्यू के बजाय डिमांड नोटिस मिलते हैं. इसका सामान्य कारण टीडीएस कटौती के लिए ड्यू क्रेडिट नहीं मिलना है. टैक्सबडी. कॉम के सुजीत बांगर कहते हैं कि अगर आप प्रोफेशनल रिसिप्ट को अपनी सैलरी के साथ क्लब करके दिखाएंगे तो आपको क्रेडिट नहीं नोटिस मिलेगा.

स्पेक्युलेटिव आय बनाम रेग्युलर इनकम- आपको अगर स्पेक्युलेटिव ट्रांजेक्शन से घाटा होता है और रेग्युलर ट्रेडिंग से लाभ, तो आप इस घाटे और लाभ को कैंसल आउट नहीं कर सकते. ऐसा करने पर आपको नोटिस मिल जाएगा.

बैंक वैलिडेशन- आईटीआर रिफंड में देरी का तीसरा सबसे आम कारण बैंक खाते के वैलिडेशन में देरी है. यह सुनिश्चित करें कि आपका पैन और आधार आपके बैंक खाते से लिंक हो इससे रिफंड तेजी से मिलने में आसानी होती है.

फॉर्म 16 से आगे टैक्स नहीं बचाया जा सकता है- वेतनभोगी व्यक्तियों के लगता है कि फॉर्म 16 के अलावा कहीं और से टैक्स नहीं बचाया जा सकता है. यह गलत है. आप रोजमर्रा के जीवन में ऐसे कई काम करते हैं जिस पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. उदाहरण के लिए बच्चे की ट्यूशन फी या आरटीपीसीआर टेस्ट पर 5,000 रुपये तक की टैक्स छूट ली जा सकती है.

गलत आईटीआर फॉर्म चयन- आईटीआर फॉर्म का गलत चयन भी आपके लिए मुसीबत बनता है. उदाहरण के लिए अगर आपके पास 1 से अधिक प्रॉपर्टी है तो आप आईटीआर-1 फॉर्म नहीं भर सकते हैं. इसलिए हमेशा सही आईटीआईर फॉर्म का चयन करें.

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