महाराष्ट्र के नरीमन पॉइंट इलाके में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI ) द्वारा दिए गए करोड़ों रुपये के बैंक लोन घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. सीबीआई इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज करके 10 लोकेशनों पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक करीब 1,438.45 करोड़ और 710.85 करोड़ के कर्ज लेकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया था.
लिहाजा इसी मामले में छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और सबूतों को जांच एजेंसी द्वारा जब्त किया जा रहा है. इस केस में कई प्राइवेट लोगों, कंपनियों सहित कई अज्ञात सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ भी मामले की तफ्तीश शुरू की गई है.
सीबीआई द्वारा दर्ज जो पहली एफआईआर है, उस एफआईआर के अंतर्गत पहले मामले में जिन लोगों और कंपनी को आरोपी बनाया गया है, उनके नाम इस तरह हैं-
श्रीमती सुमन विजय गुप्ता, निदेशक (गारंटर), मुंबई (महाराष्ट्र)
प्रतीक विजय गुप्ता, निदेशक (गारंटर), मुंबई (महाराष्ट्र)
मेसर्स उशदेव इंटरनेशनल लिमिटेड, मुंबई
अज्ञात लोक सेवक & अज्ञात अन्य
सीबीआई ने जो दूसरा एफआईआर दर्ज किया है, उस एफआईआर के अंतर्गत जिन प्रमुख लोगों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है, वो इस तरह हैं –
मैसर्स अनिल लिमिटेड, अहमदाबाद,
अमोल श्रीपाल सेठ, निदेशक,
कमलभाई आर शेठ, निदेशक,
अनीश कस्तूरभाई शाह, निदेशक,
सुश्री इंदिरा जे पारिख दीपाल पालकीवाला, निदेशक,
अनुराग कोठावाला, निदेशक,
अज्ञात निजी व्यक्ति और लोक सेवक।
सीबीआई ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतने बड़े बैंक कर्ज घोटाले को अंजाम देने में किन लोगों की भूमिका रही है.