पिछले कुछ समय में भारत के अंदर कोरोना के केस में भारी उछाल आया है. इनमें उतार चढ़ाव का दौर जारी है. इसे लेकर मेडिकल एक्सपर्ट्स में चिंता है. उनका मानना है कि कोविड के मामलों में अचानक आई इस तेजी की वजह ओमिक्रोन वायरस BA.2 के तीन नए सब वैरिएंट हैं. इन तीन में से BA.2.75 वैरिएंट पर सबसे ज्यादा नजर रखने की जरूरत है. देश में इस वक्त सामने आ रहे ओमिक्रोन केसों में दूसरे वैरिएंट के मुकाबले ये 18 फीसदी ज्यादा फैल रहा हैं.
ओमिक्रोन के BA.2.75 सब वैरिएंट के अलावा इसके BA.2.74 और BA.2.76 भी कोरोना केसों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं. TOI ने एक ओपन सोर्स डाटाबेस के हवाले से बताया कि पिछले 10 दिनों में BA.2.76 के 298 केस, BA.2.74 के 216 केस और BA.2.75 के 46 मामलों की पहचान हुई है. बाकी दोनों के केस भले ही ज्यादा हों, लेकिन वैज्ञानिकों की नजर BA.2.75 पर ज्यादा है. ओमिक्रोन वायरस को वैसे तो कोरोना के डेल्टा जैसे वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक लेकिन कम जानलेवा माना जाता है. लेकिन ओमिक्रोन का ये नया रूप कुछ ज्यादा खतरनाक है. ये इंसानी शरीर के डिफेंस सिस्टम चकमा देने में ज्यादा माहिर है. जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं, ये उनको भी अपनी चपेट में ले सकता है.
अमेरिका, कनाडा और जापान में भी ये BA.2.75 सब वैरिएंट फैल रहा है. भारत के महाराष्ट्र, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर में इसके मामले सामने आए हैं. भारत में कोरोना के प्रसार पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से गठित INSACOG के वैज्ञानिक भी इस पर करीबी से नजर रखे हुए हैं. एक वैज्ञानिक ने TOI को बताया कि इस साल जनवरी में कोरोना की तीसरी लहर के लिए BA.2 वैरिएंट जिम्मेदार था. अब जून में इसके केस फिर से बढ़ने लगे हैं. प्रयोगों से पता चला है कि इस वैरिएंट के वायरस में 80 से ज्यादा बदलाव हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि देखा गया है कि BA.2 वैरिएंट की नई पीढ़ी के ये वायरस ज्यादा संक्रामक और मजबूत हो गए हैं. ये तीसरी लहर के दौरान हमारे शरीर में बनी इम्यूनिटी को भी चकमा दे रहे हैं. इसी की वजह से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि गनीमत ये है कि ये BA.2 की पीढ़ी के वायरस है, जिसके खिलाफ हमारे अंदर प्रोटेक्शन और टी सेल्स इम्युनिटी मौजूद है.