स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह घरेलू आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुझान, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी निवेशकों के रुख से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों का यह भी मानना है कि कंपनियों के तिमाही नतीजों का सीजन शुरू होने से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. उन्होंने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख और तिमाही नतीजों से पहले बाजार की धारणा प्रभावित हुई है.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘बाजार हर दिन निचले स्तर पर जाने के बाद उबर रहा है. वैश्विक बाजारों में कमजोरी, रुपये में गिरावट और घरेलू रिफाइनरियों के अप्रत्याशित लाभ पर कर जैसे कारकों से बाजार की धारणा प्रभावित हुई है.’’
क्रूड ऑयल की कीमत का अहम रोल
मीणा ने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अब भी बिकवाली कर रहे हैं, लेकिन उनकी बिक्री की रफ्तार कम हुई है. ऐसे में यदि वैश्विक बाजार स्थिर रहता है, तो बाजार में तेजड़िया गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं.’’ उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम, डॉलर सूचकांक और रुपये का उतार-चढ़ाव अन्य कारक हैं, जो आगे बाजार की दिशा तय करेंगे.
टीसीएस का नतीजा 8 जुलाई को
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह तिमाही नतीजों के सीजन की शुरुआत होगी. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) आठ जुलाई को अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेगी. बाजार भागीदारों की निगाह इसपर रहेगी.’’