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गेहूं निर्यात पर रोक के बाद आटे पर सरकार की नजर, फर्जी लेटर से आटा निर्यात करने वालों पर लागू होंगे नए नियम

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घरेलू बाजार में अनाज की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने 13 मई को गेहूं निर्यात पर रोक लगा दिया था, लेकिन अब आटे के निर्यात को लेकर चिंता बढ़ रही है.

दरअसल, गेहूं निर्यात पर रोक के बाद व्‍यापारी गलत तरीके से आटे का निर्यात कर रहे हैं और इसमें दोगुने से भी ज्‍यादा की तेजी आई है. वाणिज्‍य मंत्रालय ने बताया कि 13 मई को गेहूं निर्यात पर रोक के बाद आटे के निर्यात में अचानक काफी उछाल दिखने लगा है. व्‍यापारी सरकार के प्रतिबंधों में सेंध लगाने के नए तरीके खोज रहे हैं और अब गेहूं के बजाए आटे के निर्यात का खेल चल रहा है.

आटा निर्यात में दोगुने से ज्‍यादा तेजी
वाणिज्‍य मंत्रालय ने कहा कि 13 मई के बाद आटे के निर्यात में अचानक दोगुने से ज्‍यादा का उछाल दिखने लगा है. प्रतिबंध के बाद हर महीने करीब 1 लाख टन आटे का निर्यात किया जा रहा है, जबकि पिछले पूरे वित्‍तवर्ष में सिर्फ 5 लाख टन आटे का निर्यात किया गया था. व्‍यापारी प्रतिबंधों में सेंध लगाने के लिए फर्जी लेटर ऑफ क्रेडिट का सहारा ले रहे हैं.

1 अप्रैल से 14 जून तक भारत का कुल गेहूं निर्यात 29.7 करोड़ टन रहा, जबकि इस दौरान आटे का निर्यात 2.59 लाख टन रहा है. सरकार ने बैन के बावजूद कई जरूरतमंद देशों को गेहूं का निर्यात किया है. मंत्रालय ने बताया कि 13 मई को प्रतिबंध लगाने के बाद बांग्‍लादेश, अफगानिस्‍तान जैसे देशों को 18 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया.

नया नियम लाने की तैयारी
विदेशी व्‍यापार महानिदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि हम आटे के निर्यात की निगरानी के लिए प्री-शिपमेंट नोटिफिकेशन को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रहे हैं. इससे आटे का शिपमेंट कर गेहूं निर्यात पर प्रतिबंधों में सेंध लगाने का खेल रुक जाएगा. नए नियम के तहत सभी आटा निर्यातकों को अपनी मात्रा, कीमत और जगह पहले ही बतानी होगी, जिससे ज्‍यादा आटे का निर्यात किए जाने पर कार्रवाई होगी.

एक निर्यातक ने कहा कि सरकार आटे पर निगरानी बढ़ाने के लिए नए तरीके के प्रतिबंध लगा सकती है. कुछ व्‍यापारी गेहूं पर प्रतिबंध के बाद नया रास्‍ता खोज रहे हैं. पिछले सप्‍ताह खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने चेतावनी देते हुए कहा था कि गेहूं पर प्रतिबंध के बावजूद इसके भंडारण में तेजी नहीं आ रही है. थोक महंगाई के आंकड़े भी गेहूं की कीमतों में मामूली गिरावट बता रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि सिर्फ अफगानिस्‍तान को मानवीय आधार पर 50 हजार टन में से 33 हजार टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है.

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