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दक्षिण अफ्रीका ने सभी कोविड प्रतिबंध हटाए, मास्क लगाना अब जरूरी नहीं

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दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं. यहां अब मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला की घोषणा के बाद सार्वजनिक समारोह में भी रोक नहीं होगी. सरकार ने कोविड 19 महामारी के कारण दो साल से अधिक समय से लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है. दक्षिण अफ्रीका आने वाले विदेशियों को भी अब कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत नहीं है.

फाहला ने कहा की तीन सप्ताह से अधिक समय तक पॉजिटिव डायरेक्शन की तरफ बढ़ने के बाद, हमने पता लगाया है कि पीक इन्फेक्शन सब-वेरिएंट द्वारा संचालित एक सीमित 5वीं लहर थी, जो चिंता का कोई नया रूप नहीं था. ये धीरे-धीरे कम भी हो रहा है. इसलिए प्रतिबंध हटाने से कोई जोखिम नहीं होगा.
फाहला ने बुधवार को कहा कि उन्होंने मार्च 2020 में राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा द्वारा गठित नेशनल कोरोनावायरस कमांड काउंसिल के बाद बचे हुए सभी स्वास्थ्य नियमों को जारी करने वाले सरकारी पेपर पर हस्ताक्षर किए. अब कैबिनेट ने उनकी सिफारिश को मंजूरी दे दी है.
सरकार ने यह भी अनुरोध किया कि महामारी को खत्म करने के लिए हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाना जरूरी है. इसलिए वैक्सीनेशन जारी रहना चाहिए.  उन्होंने कहा कि हम पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हैं. विशेष रूप से टीकाकरण के साथ. हम उन लोगों से आगे आने का अनुरोध करते हैं, जिन्होने अभी तक टीका नहीं लगवाया है या जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं ली है.

फाहला ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम बना रहेगा, लेकिन अब इसे सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं में गिना जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि पूरी आबादी को कम से कम डोज मिल चुकी है. हालांकि, 70 प्रतिशत वयस्क आबादी का भी टीकाकरण करने का सरकार को लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है.

उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की यह चौथी लहर चल रही है. इसके तेजी से फैलने से अधिक संख्या में लोग प्रभावित हुए है. जिससे नेचुरल इम्यूनिटी में बढ़ोतरी हुई है. जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होने, सकारात्मकता दर, रिप्रोडक्टिव रेट और रिपोर्ट की गई मौतों पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है.
फाहला ने यह भी बताया कि दक्षिण अफ्रीका में मंकीपॉक्स का पहला मामला जोहान्सबर्ग के एक 30 वर्षीय पुरुष में पहचाना गया था, जिसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के बाहर इस बीमारी के फैलने से हमे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.

फाहला ने कहा कि नेशनल हेल्थ लेबोरेटरी सर्विस हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए ऑनलाइन इन-सर्विस ट्रेनिंग आयोजित कर रही है, ताकि वे बीमारी का पता लगा सकें और जरूरी लेबोरेटरी टेस्ट्स किए जा सके.

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