भारत में कोविड-19 (Covid19) के संक्रमण में एक बार फिर से वृद्धि के रुख के परिप्रेक्ष्य में विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि जब कोई संक्रामक रोग महामारी के चरण से हटकर स्थानिक चरण में पहुंचता है तो समय-समय पर संक्रमण के मामलों में वृद्धि और कमी एक सामान्य घटना है.
कोरोनोवायरस के मामलों में मौजूदा बढ़ोतरी के देश के कुछ जिलों तक सीमित होने का उल्लेख करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि मास्क नहीं पहनना, यात्रा और सामाजिक संपर्क में बढ़ोतरी और कोविड के टीके की बूस्टर खुराक लगाने में कोताही संक्रमण वृद्धि के संभावित कारण हो सकते हैं.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डॉ संजय राय ने कहा कि सार्स कोव-2 एक आरएनए वायरस है, जो पहले ही 1,000 से अधिक उत्परिवर्तन देख चुका है, भले ही चिंता वाले संक्रमण स्वरूपों की संख्या केवल पांच है.
संक्रमण मामलों में वृद्धि सामान्य घटना
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जब कोई बीमारी महामारी से स्थानिक चरण में संक्रमण करती है तो बार-बार संक्रमण में वृद्धि और कमी एक ‘‘सामान्य घटना’’ है.
डॉ. राय एम्स में वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए कोवैक्सिन परीक्षणों के प्रमुख अन्वेषक भी हैं. उन्होंने कहा कि जब तक अस्पताल में भर्ती होने और मरने वालों की संख्या में गंभीरता या नाटकीय बदलाव नहीं होता है, तब तक केवल मामलों में वृद्धि चिंता का विषय नहीं है.
महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, गुजरात, गोवा और पंजाब में 10 जून से कोरोना संक्रमण के साप्ताहिक मामलों और संक्रमण दर में वृद्धि दर्ज की गई है.
इन राज्यों में ज्यादा है संक्रमण दर
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारत के 51 जिलों में साप्ताहिक कोविड की संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है, इनमें केरल के 12 जिले, मिजोरम के सात और महाराष्ट्र तथा असम के पांच-पांच जिले शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान के 10 और दिल्ली के पांच जिलों सहित देश के 53 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच से 10 प्रतिशत के बीच है.