1 जुलाई, 2022 से क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. दरअसल, 1 जुलाई से कार्ड पेमेंट के लिए टोकनाइजेशन सिस्टम (Card Tokenization) लागू हो जाएगा. टोकनाइजेशन सिस्टम का मकसद ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड को रोकना है. अगर आप अपने कार्ड को टोकेनाइज नहीं करते हैं तो ऑनलाइन स्टोर पर सेव डेबिट या क्रेडिट कार्ड को हटा दिया जाएगा. हालांकि कार्ड टोकनाइजेशन अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह एक ही वेबसाइट या ऐप से बार-बार शॉपिंग या पेमेंट को आसान बनाता है.
क्या है कार्ड टोकनाइजेशन
टोकनाइजेशन के तहत, कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन के लिए एक यूनिक अल्टरनेट कोड यानी टोकन जनरेट किया जाता है. ये टोकन ग्राहक की जानकारी का खुलासा किए बिना पेमेंट करने की अनुमति देंगे.
1 जुलाई से क्या होने जा रहा है?
आरबीआई ने कहा है कि 30 जून के बाद यानी 1 जुलाई, 2022 से मर्चेंट को कस्टमर के डेबिट और क्रेडिट कार्ड के डेटा को डिलिट करना होगा. इसका मतलब यह है कि अगर ग्राहकों ने कार्ड टोकनाइजेशन के लिए सहमति नहीं दी है, तो उन्हें हर बार ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू यानी सीवीवी (CVV) दर्ज करने के बजाए अपने सभी कार्ड विवरण नाम, कार्ड नंबर और कार्ड की वैलिडिटी दर्ज करनी होगी. दूसरी ओर, अगर कोई ग्राहक कार्ड टोकेनाइज करने के लिए सहमत होता है, तो उसे ट्रांजैक्शन करते समय केवल सीवीवी और ओटीपी विवरण दर्ज करना होगा.
क्रेडिट और डेबिट कार्ड को टोकेनाइज कैसे करें
>> पसंदीदा शॉपिंग वेबसाइट/ऐप पर जाकर चीजों या सर्विस को खरीदने के लिए पेमेंट करना होगा.
>> चेकआउट के वक्त अपना पसंदीदा कार्ड पेमेंट ऑप्शन चुनें और सीवीवी डिटेल डालें.
>> इसके बाद “Secure your card” या “Save card as per RBI guidelines” पर क्लिक करें.
>> सेव पर टैप करें और ओटीपी दर्ज करें.
>> इसके बाद आपका क्रेडिट या डेबिट कार्ड टोकनाइज्ड हो जाएगा.