पूर्वी अफगानिस्तान में बुधवार तड़के आये भूकंप में 1000 लोगों की मौत हो गई. 1500 से अधिक लोग घायल हो गए. देश की सरकारी समाचार एजेंसी ने एक खबर में यह जानकारी दी. देश में दशकों में आया यह सर्वाधिक विनाशकारी भूकंप है. अधिकारियों ने आशंका जताई कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
पाकिस्तान की सीमा के पास, एक ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्र में आए 6.1 तीव्रता वाले भूकंप से हुए नुकसान के बारे में फिलहाल अधिक जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन इतने शक्तिशाली भूकंप से दूर-दराज के इलाकों में गंभीर नुकसान होता है, जहां घर और अन्य इमारतें अधिक मजबूत नहीं बनी हुई हैं और भूस्खलन होना आम बात है.
अफगानिस्तान में आई भूकंप के बड़े अपडेट…
विशेषज्ञों ने भूकंप के केंद्र की गहराई महज 10 किमी बताई है, जो इससे हुए विनाश का दायरा बढ़ा सकता है. इस आपदा ने तालिबान नीत सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है, जिसने पिछले साल सत्ता पर कब्जा कर लिया था.
बचावकर्मी हेलीकॉप्टर से मौके पर पहुंचे, लेकिन तालिबान के सत्ता पर कब्जा कर लेने के बाद कई अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों के अफगानिस्तान से चले जाने के कारण इसमें दिक्कत आने की संभावना है.
अफगानिस्तान में सर्वश्रेष्ठ परिस्थितियों में भी ग्रामीण इलाकों में पहुंचने में मुश्किल होती है और भूकंप से पर्वतीय क्षेत्र की सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है. इन परिस्थितियों के मद्देनजर, तालिबान सरकार के एक अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है.
अफगानिस्तान की आपात सेवा के अधिकारी सराफुद्दीन मुस्लिम ने कहा , ‘‘किसी देश में जब इस तरह की कोई बड़ी आपदा आती है तब अन्य देशों की मदद की जरूरत पड़ती है.’’
पड़ोसी देश पाकिस्तान के मौसम विभाग ने कहा कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में खोस्त शहर से करीब 50 किमी दक्षिणपश्चिम में था.
खोस्त प्रांत में इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. भूकंप के झटके 375 किमी दूर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी महसूस किये गये.
पक्तिका से प्राप्त फुटेज में यह देखा जा सकता है कि लोग कंबल में लपेट कर घायलों को हेलीकॉप्टर तक पहुंचा रहे हैं. अन्य का इलाज जमीन पर किया जा रहा है.
बख्तर समाचार एजेंसी ने जो मृतक संख्या (1,000) बताई है वह 2002 में उत्तरी अफगानिस्तान में आये भूकंप के बराबर है. वहीं, 1998 में अफगानिस्तान के उत्तरपूर्वी इलाके में 6.1 की तीव्रता वाले भूकंप में कम से कम 4,500 लोग मारे गये थे.
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के भूकंप विज्ञानी रॉबर्ट सेंडर्स ने कहा कि विश्व के ज्यादातर स्थानों पर इतनी तीव्रता के भूकंप से काफी तबाही होती है. उन्होंने कहा, ‘‘पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण भूस्खलन भी होने की आशंका है जिसके बारे में खबर आने तक हम कुछ नहीं कह सकते. पुरानी इमारतों के ढहने की आशंका है.’’
काबुल में, प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने पक्तिका और खोस्त में भूकंप पीड़ितों के लिए राहत कोशिशों में समन्वय के वास्ते राष्ट्रपति भवन में एक आपात बैठक बुलाई है.