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भारत ने 2021 में रिसाइकिल किया 75 टन सोना, अमेरिका के बाद रहा चौथे पायदान पर, कौन सा देश है सबसे आगे?

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महामारी से प्रभावित साल 2021 में भारत ने कुल 75 टन सोना (Gold) रिसाइकिल किया है. वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल (WGC) ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया कि भारत सोना साइकिल करने के मामले में चौथे स्‍थान पर आ गया है. डब्‍ल्‍यूजीसी के अनुसार, बीते साल गोल्‍ड रिफाइनिंग और रिसाइकिलिंग में सबसे आगे चीन रहा, जिसने कुल 168 टन सोने का इस्‍तेमाल किया. दूसरे पायदान पर इटली और तीसरे पर अमेरिका रहा.

इटली ने साल 2021 में 80 टन और अमेरिका ने 78 टन सोना रिसाइकिल किया. भारत ने गोल्‍ड रिसाइकिलिंग और रिफाइनिंग में काफी तेज छलांग लगाई है. साल 2013 में जहां भारत की क्षमता सिर्फ 300 टन की थी, वहीं अब यह बढ़कर 1,500 टन पहुंच गई है यानी हमारी रिफाइनरी क्षमता में एक दशक के भीतर तीन गुने का इजाफा हुआ है.

बदल रहा रिफाइनिंग का चलन
सरकार की ओर से नियम कड़े किए जाने के बाद गोल्‍ड की रिफाइनिंग ज्‍यादा बेहतर तरीके से होने लगी है. इसमें फॉर्मल सेक्‍टर की संख्‍या बीते साल 33 पहुंच गई है, जो साल 2013 में सिर्फ 5 थी. इनफॉर्मल सेक्‍टर की हिस्‍सेदारी फिलहाल 300 से 500 टन है. वैसे तो यह काफी ज्‍यादा है, लेकिन पूर्व की स्थिति को देखा जाए तो प्रदूषण नियमों के सख्‍त किए जाने के बाद सोने का अवैध व्‍यापार काफी रुक गया है.

टैक्‍स के बेहतर ढांचे ने बढ़ाया निर्यात
भारतीय गोल्‍ड रिफाइनिंग क्षेत्र को मजबूती देने में टैक्‍स के बेहतर ढांचे का भी अहम योगदान है. सरकार ने कच्‍चे सोने पर आयात शुल्‍क रिफाइंड सोने से अलग बना दिया है. इसके बाद रिफाइंड सोने का निर्यात और बढ़ गया है. इस मांग की आपूर्ति के लिए कच्‍चे सोने के आयात में भी तेजी आई है. 2013 में जहां भारत के कुल आयात में कच्‍चे सोने की हिस्‍सेदारी 7 फीसदी थी, वहीं अब यह बढ़कर 22 फीसदी पहुंच गई है.
सरप्‍लस गोल्‍ड को बाजार में लाने की जरूरत
WGC के रीजनल सीईओ (भारत) सोमासुंदरम पीआर ने कहा कि भारत अपने बुलियन क्षेत्र में नवीन सुधारों को लागू करे तो रिफाइनिंग क्षेत्र में कहीं आगे निकल सकता है. गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम के जरिये सरप्‍लस गोल्‍ड को बाजार में लाए जाने की जरूरत है. इससे बाजार में सोना सस्‍ता होगा और इसकी मांग बढ़ेगी. इस तरह रिफाइनिंग की क्षमता में भी विस्‍तार होगा.

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