प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G Spectrum auction) को मंजूरी दे दी गई है. अब 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई के अंत तक की जाएगी. विभिन्न लो, मीडियम और हाई फ्रिक्वेंसी बैंड के लिए इस स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी.
कंपनियों को ये पेक्ट्रम 20 साल के लिए आवंटित किए जाएंगे. इस बार स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने वालों को कुछ शर्तों में ढील दी गई ताकि बोलीदाताओं को पैसा जुटाने में आसानी हो. देश में 5जी सेवाएं शुरू होने से इंटरनेट की गति बढ़ जाएगी. 5जी इंटरनेट सेवाएं 4जी से करीब 10 गुणा ज्यादा तेज होंगी. नीलामी लो फ्रीक्वेंसी बैंड 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और मीडियम फ्रीक्वेंसी बैंड 3300 मेगाहर्ट्ज के साथ हाई 26 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जाएगी.
नहीं करना होगा अग्रिम भुगतान
टेलिकॉम सेक्टर में सुधारों की गति को जारी रखते हुए मंत्रिमंडल ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी की कुछ शर्तों में ढील दी है. इस बार सफल बोलीदाताओं को एडवांस पेमेंट करने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके अलावा वे स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान भी 20 समान किस्तों में कर सकते हैं. यही नहीं बोलीदाताओं को 10 सालों के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का विकल्प भी दिया जाएगा.
बदल जाएगा बिजनेस का स्वरूप
स्पेक्ट्रम पूरे 5G इको-सिस्टम का एक अभिन्न और आवश्यक हिस्सा है. 5G सेवाओं में नए युग के व्यवसाय बनाने, उद्यमों के लिए अतिरिक्त राजस्व पैदा करने की क्षमता है. ऐसी उम्मीद है कि दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनियां 5G प्रौद्योगिकी-आधारित सेवाओं को रोल आउट करने के लिए मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग करेंगी. यह वर्तमान 4G सेवाओं की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक तेज होगा. स्पेक्ट्रम नीलामी में देश की तीन प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों – वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जियो के भाग लेने की उम्मीद है.