चुनाव आयोग के इतिहास में पहली बार चुनाव आयोग ने अपने कनिष्ठ यानी छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों से चुनाव प्रबंधन की बेहतरी से जुड़े कम से कम तीन सुझाव मांगे हैं. नए मुख्य चुनाव आयुक्त की तरफ से आयोग में अंडर सेक्रेटरी से लेकर ऊपर तक के सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर चुनाव प्रबंधन और योजना, मतदाता सूची प्रबंधन में बेहतरी, तकनीक के इस्तेमाल, चुनाव सुधार और चुनाव से जुड़े दूसरे मसले में कम से कम तीन सुझाव मांगे गए हैं. चुनाव आयोग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी अधिकारियों से आधिकारिक तौर पर सुझाव मांगा गया है. चुनाव आयोग में अंडर सेक्रेटरी और इससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों की संख्या लगभग 120 है.
चुनाव आयोग के अधिकारी चुनाव आयोग में प्रशासन से जुड़े प्रिंसिपल सेक्रेटरी को अपना सुझाव देंगे और सबसे खास बात यह है की जो लोग अपने सुझाव को लेकर अपना नाम सामने नहीं लाना चाहते उनके लिए चुनाव आयोग के नीचे एक बॉक्स रखा गया है जहां वो अपने सुझाव डाल सकेंगे. इस बॉक्स को 31 मई के बाद खुद मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन कुमार खोलेंगे.
नए मुख्य चुनाव आयुक्त की पहल
दरअसल देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर राजीव कुमार ने इसी महीने कार्यभार संभाला है. और मुख्य चुनाव आयुक्त की तरफ से ही ये पहल की गई है ताकि चुनाव आयोग के कार्यप्रणाली और चुनाव प्रबंधन को और बेहतर किया जा सके.
31 महीने तक देने हैं सुझाव
चुनाव आयोग के सभी अधिकारियों को 31 मई तक अपना सुझाव देना है. सुझावों के मिलने के बाद चुनाव आयोग एक कमेटी का गठन करेगा जिसके बाद व्यवहारिक सुझावों को लागू किया जा सकेगा.
EC के पूर्व कानूनी सलाहकार ने कदम को सराहा
चुनाव आयोग के पूर्व कानूनी सलाहकार एस के मेंहदीरत्ता ने नए सीईसी के कदम की तारीफ की है. मेंहदीरत्ता ने कहा की मुख्य चुनाव आयुक्त का फैसला बहुत अच्छा है मेरे हिसाब से ऐसा पहले नहीं हुआ है. हमलोग जो विशेष सब्जेक्ट को डील करते थे, वो विशेष सब्जेक्ट पर सुझाव देते थे. लेकिन सामान्य तौर पर सभी से पूछना एक अच्छा कदम है जो भी ऑफिसर्स हैं अगर खुलकर बात करेंगे तो चुनाव आयोग की वर्किंग में फायदा होगा.