कोई भी अपनी मेहनत की कमाई को टैक्स में नहीं गंवाना चाहता है. आप टैक्स का बोझ कम करने और निवेश पर रिटर्न बढ़ाने के प्रयास कर सकते हैं. आपको भी टैक्स बचाने के उपाय करने के साथ निवेश पर अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करने के तरीके जानने चाहिए. यहां आपको ऐसे टिप्स बताए जो रहे हैं, जिससे आप निवेश करते हुए टैक्स बचाकर अपना रिटर्न बढ़ा सकते हैं.
आपको वित्त वर्ष की शुरुआत में टैक्स प्लानिंग करनी चाहिए. यह सबसे महत्वपूर्ण तरीका है जो किसी भी निवेश पर अधिकतम रिटर्न प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब रिटर्न पर बचत की बात आती है, तो टैक्स प्लानिंग काफी महत्वपूर्ण होती है. यदि आप पीपीएफ, ईएलएसएस जैसे टैक्स बचाने वाले इंस्ट्रूमेंट में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो वित्त वर्ष की शुरुआत में निवेश करना सबसे अच्छा होता है.
आप इनकम क्लबिंग से बचने के लिए अपने माता-पिता, दादा-दादी और जीवनसाथी के नाम पर निवेश कर सकते हैं, जो कम टैक्स ब्रैकेट में हो सकते हैं. यदि आपके माता-पिता में से किन्हीं की उम्र 65 वर्ष से अधिक है और उसके पास कोई निवेश नहीं है, तो आप टैक्स फ्री ब्याज के लिए उनके नाम पर निवेश कर सकते हैं. 60 वर्ष से अधिक आयु वाले पहले से ही 3 लाख रुपये की बेसलाइन छूट के हकदार होते हैं. इसके अलावा यदि आप 80 वर्ष से अधिक उम्र के दादा-दादी के नाम पर निवेश करते हैं, तो छूट की सीमा 5 लाख रुपये से भी अधिक है.
बच्चे भी मददगार
आपके बच्चे भी टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन केवल तभी जब उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो. वयस्क होने के बाद एक बच्चे को टैक्स मामले में अलग व्यक्ति के रूप में माना जाता है. यहां तक कि वह आपके उपहार में दिए गए पैसे से डीमैट अकाउंट खोलने, स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश करने का भी पात्र होगा. 1 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हर साल टैक्स फ्री होगा, जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन 2.5 लाख रुपये सालाना की स्टैंडर्ड छूट तक टैक्स फ्री होगा.