भारतीय मूल के साइंटिस्ट अरुण मजुमदार स्टैनफोर्ड में क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबिलिटी डिपार्टमेंट के डीन बनने जा रहे हैं. स्टेनफोर्ड डोर स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के मुताबिक- यूनिवर्सिटी इतिहास के 70 सालों में पहला ऐसा स्कूल है, जो क्लाइमेट चेंज पर फोकस करेगा. इस डिपार्टमेंट का मकसद क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों का समाधान खोजना होगा. रिपोर्ट्स की मानें तो 1 सितंबर को इसका उद्धघाटन किया जाएगा.
मजुमदार 15 जून से स्कूल की कमान संभालेंगे. इसके बाद उनके सामने स्कूल का उद्घाटन कराने के साथ डीन के तौर पर खुद को साबित करने की जिम्मेदारी भी होगी. फिलहाल वो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मटैरियल साइंस डिपार्टमेंट के मेंबर हैं. इसके अलावा अरुण प्री-कोर्ट इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी के डायरेक्टर भी रह चुके हैं.
भारतीय मूल के साइंटिस्ट अरुण मजुमदार स्टैनफोर्ड में क्लाइमेट चेंज एंड सस्टेनेबिलिटी डिपार्टमेंट के डीन बनने जा रहे हैं. स्टेनफोर्ड डोर स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के मुताबिक- यूनिवर्सिटी इतिहास के 70 सालों में पहला ऐसा स्कूल है, जो क्लाइमेट चेंज पर फोकस करेगा. इस डिपार्टमेंट का मकसद क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों का समाधान खोजना होगा. रिपोर्ट्स की मानें तो 1 सितंबर को इसका उद्धघाटन किया जाएगा.
मजुमदार 15 जून से स्कूल की कमान संभालेंगे. इसके बाद उनके सामने स्कूल का उद्घाटन कराने के साथ डीन के तौर पर खुद को साबित करने की जिम्मेदारी भी होगी. फिलहाल वो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मटैरियल साइंस डिपार्टमेंट के मेंबर हैं. इसके अलावा अरुण प्री-कोर्ट इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी के डायरेक्टर भी रह चुके हैं.
मजुमदार ने आगे कहा- ‘हमें ये धरती पूर्वजों से विरासत में नहीं मिली। हमें अपने बच्चों को उधार के रूप में इसे सुरक्षित लौटाना होगा. हम सभी लोगों को ऐसा भविष्य बनाना है जहां इंसान और प्रकृति एक साथ रह सकें.’