एचडीएफसी बैंक 13.7 लाख करोड़ रुपये की लोन बुक के साथ प्राइवेट सेक्टर का सबसे प्रमुख बैंक है. इसने विभिन्न चरणों में लगातार वृद्धि दिखाई है. पिछले कई वर्षों में इसने 4 फीसदी शुद्ध ब्याज आय यानी नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) जबकि रिटर्न ऑन इक्विटी 15 फीसदी दर्ज किया है. हाल ही में इस बैंक ने एचडीएफसी होल्डिंग्स लिमिटेड के साथ रिवर्स मर्जर की घोषणा की है. बैंक ने अपने कॉम्पेटिटर बैंकों की तुलना में बेहतर रिटर्न अनुपात बनाए रखा है. इस वजह से एचडीएफसी बैंक का प्रीमियम मूल्यांकन हुआ है.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ब्रोकरेज के मुताबिक, बैंक ने वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के रिजल्ट में बेहतर ग्रोथ दिखाया है. इस रिजल्ट को देखते हुए इस ब्रोकरेज फर्म ने 12 महीने की अवधि में इस शेयर का लक्ष्य 1,650 रुपये निर्धारित करते हुए बाय रेटिंग बरकरार रखी है. 11 मई 2022 को एचडीएफसी बैंक के शेयर 1,348.60 रुपये पर बंद हुए. आज शुक्रवार करीब 3.12 बजे यह शेयर बीएसई पर 3.22 फीसदी की गिरावट के साथ 1304.75 रुपये पर कारोबार कर रहा था.
Q4FY22 रिजल्ट
एचडीएफसी बैंक की चौथी तिमाही का रिजल्ट बताता है कि उसकी क्रेडिट ऑफटेक यानी कर्ज की मांग में बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही मार्जिन भी अच्छा रहा है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि पिछली तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय (NIM) 1 साल पहले की तुलना में 10.2 फीसदी बढ़कर 18,872 करोड़ रुपये रही. वहीं, तिमाही आधार पर इसमें 2.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2021 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में बैंक ने 8,186.50 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में यह उछलकर 10,055.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
15.5 रुपये का डिविडेंड
एचडीएससी बैंक ने पिछले दिनों रिजल्ट जारी करने के बाद डिविडेंड की घोषणा की थी. इसके लिए 13 मई, 2022 की रिकॉर्ड डेट तय की गई है. इसका मतलब यह हुआ कि जिन निवेशकों के पास इस तारीख को बैंक के शेयर होंगे, वो डिविडेंड पाने के हकदार होंगे. बैंक ने अपने 1 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयर पर निवेशकों को 1550 फीसदी डिविडेंड देने का का ऐलान किया है. इसका मतलब यह हुआ कि प्रत्येक शेयर के बदले 15.5 रुपये का डिविडेंड मिलेगा.
नेट इंटरेस्ट मार्जिन और रिटर्न ऑन इक्विटी क्या है?
बैंकों का मुख्य काम कर्ज देकर मुनाफा कमाना होता है. साथ ही, वह बैंक में जमा रकम के लिए कस्टमर्स को ब्याज भी चुकाता है. साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेने की स्थिति में भी उसे ब्याज चुकाना होता है. शुद्ध ब्याज आय (NIM) ब्याज भुगतान और प्राप्त ब्याज के बीच अंतर को दर्शाता है. शुद्ध ब्याज आय से पता चलता है कि बैंक ने ब्याज के मद में कितनी कमाई की.
जहां तक रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) का सवाल है, यह किसी कंपनी के शेयर की कमाई यानी वित्तीय प्रदर्शन का एक पैमाना है. सरल शब्दों में कहें, तो यह इसकी जानकारी देती है कि अगर आप किसी कंपनी में निवेश करते हैं, तो उससे आपको कितना लाभ या रिटर्न मिलने की संभावना है. इस पैमाने से पता चलता है कि किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना चाहिए या नहीं. इक्विटी पर रिटर्न निकालने के लिए कंपनी की ओर से अर्जित की गई कुल आय को उसकी इक्विटी से भाग देना पड़ता है. रिटर्न ऑन इक्विटी को प्रतिशत में दर्शाया जाता है.
(Disclaimer: यहां बताया गया स्टॉक ब्रोकरेज हाउस की सलाह पर आधारित है. यदि आप इसमें पैसा लगाना चाहते हैं, तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह के लाभ या हानि के लिए newshindustan.in जिम्मेदार नहीं होगा.)