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कांग्रेस में हो सकती है ‘एक परिवार-एक-टिकट’ नियम की वापसी, चिंतन शिविर पर निगाहें

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राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के विचार-मंथन सत्र में शर्त के साथ एक परिवार-एक-टिकट नियम फिर से चर्चा का विषय बन सकता है. दरअसल, पार्टी अपने चुनावी भाग्य को पुनर्जीवित करने के लिए रणनीति बनाने के मकसद से सप्ताह के आखिर में बैठक करने वाली है. पार्टी के एक नेता ने कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ से पहले सोमवार को दिल्ली में सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गई थी, उनमें से एक यह विवादास्पद नियम भी था. एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से यह बताया.

अगर चिंतन शिविर में और रविवार को सीडब्ल्यूसी की एक अन्य बैठक में इस नियम को मंजूरी दे दी गई, हालांकि यह गांधी परिवार पर लागू नहीं हो सकता है, तो उन्होंने कहा कि संभावित रूप से यह भाजपा के हमलों को रोकने की उम्मीदों को धूमिल कर रहा है, जो कांग्रेस को यह कहकर भड़काती है कि उसके लिए ‘परिवार पहले’ है. एक नेता ने कहा कि पार्टी सामूहिक निर्णय लेने के लिए संसदीय बोर्ड के पुनरुद्धार की शुरुआत भी कर सकती है. इसके साथ ही 2024 के चुनावों में भाजपा और ‘घृणा की राजनीति’ का मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने का आह्वान किया गया.

‘एक अलग चुनाव विंग पर भी किया जाएगा विचार’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करेगी और विभाजनकारी व सांप्रदायिक अभियानों को हावी नहीं होने देगी, जैसा कि पिछले कुछ चुनावों में देखने को मिला है. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण संस्थान के साथ-साथ एक महासचिव की अध्यक्षता में चुनाव अभियानों के प्रबंधन और समन्वय के लिए एक अलग चुनाव विंग पर भी विचार किया जाएगा. बैठक में 50 वर्ष से कम आयु के अधिक युवा नेताओं को शामिल करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिनमें कम से कम आधे आंतरिक पद उनके लिए आरक्षित होंगे. पार्टी नेताओं के अनुसार, इन प्रस्तावों को विचार के लिए खुला छोड़ दिया गया था और उदयपुर में विचार-मंथन सत्र में इस पर आगे चर्चा की जाएगी.

‘एक व्यक्ति, एक पद’ के फार्मूले को अपनाने की सिफारिश
इसके अलावा कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ से पहले पार्टी के संगठनात्मक मामलों से संबंधित कार्य समूह ने सुझाव दिया है कि अधिकतम पांच साल के कार्यकाल के बाद अखिल भारतीय और राज्य इकाइयों के पदाधिकारियों को आराम दिया जाना चाहिये. मुकुल वासनिक की अध्यक्षता वाले कार्यकारी समूह ने ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के फार्मूले को अपनाने सहित संगठन में बदलाव के लिए कई सिफारिशें की हैं. कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को अपनी बैठक में सिफारिशों पर चर्चा की. इन सिफारिशों पर पार्टी के नेता 13 से 15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में होने वाले ‘चिंतन शिविर’ में विचार करेंगे और अंतिम फैसला लेंगे.

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी पर चर्चा
समिति ने सुझाव दिया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के सभी पदाधिकारियों का अधिकतम कार्यकाल पांच साल का होना चाहिए, इसके बाद उन्हें तीन साल का आराम दिया जाना चाहिये. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कृषि से संबंधित एक अन्य कार्य समूह ने सभी फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए कानूनी गारंटी और निर्धारित दर से कम दाम पर फसल खरीदने वाले के लिए दंडनीय प्रावधान का सुझाव दिया. समिति ने सुझाव दिया है कि फसलों का एमएसपी स्वामीनाथन समिति के ”सी-2 फॉर्मूले” के अनुसार तय किया जाए. समिति ने यह भी कहा कि फसल बीमा योजना किसानों के लिए पर्याप्त नहीं है। समिति ने किसानों के साथ परामर्श के बाद आयात शुल्क तय करने का आह्वान किया है.

मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की चेतावनी
मौसम विज्ञान विभाग ने मछुआरों को बृहस्पतिवार तक गहरे समुद्र में न जाने को लेकर आगाह किया है, क्योंकि ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है. ओडिशा के खुर्दा, गंजाम और पुरी में मंगलवार को सुबह भी बारिश हुई थी. विशेष राहत आयुक्त पी. के. जेना ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को आगाह कर दिया गया है कि भारी बारिश और उसके कारण जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है तथा चार तटीय जिलों के 15 ब्लॉक से लोगों को निकालने के लिए भी कहा गया है.

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