कोरोना वायरस के एन XE वेरिएंट को लेकर दुनियाभर में बढ़ी हलचल के बीच टीकाकरण पर भारत के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने राहत भरी बात कही है. उन्होंने देशवासियों से परेशान नहीं होने की अपील की है. डॉ. एनके अरोड़ा के मुताबिक कोविड-19 का ओमिक्रॉन वेरिएंट, इस वायरस के कई अन्य नए वेरिएंट्स को बढ़ावा दे रहा है. इनमें से X सीरीज के वेरिएंट्स शामिल हैं, जैसे ब्रिटेन से निकला XE स्ट्रेन. लेकिन इनमें से कोई भी गंभीर संकट पैदा करने वाला नहीं है.
डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, ‘कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट इसके कई नए रूपों को जन्म दे रहा है. जैसे X सीरीज के वेरिएंट, जिनमें से एक XE स्ट्रेन है. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट आते रहेंगे. घबराने की कोई बात नहीं है. फिलहाल जो आंकड़े मिल रहे हैं, उसके मुताबिक भारत में यह बहुत तेजी से फैलता नहीं दिख रहा है.’ डब्ल्यूएचओ ने XE स्ट्रेन को ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.1 और BA.2 स्ट्रेन से निकला हुआ बताया है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस का नया XE स्ट्रेन, ओमिक्रॉन से 10 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है.
भारत में XE स्ट्रेन का पहला केस गुजरात में मिला है. हालांकि, इससे पहले मुंबई में एक केस मिल चुका है, लेकिन उसके XE स्ट्रेन से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हो सकी है. अब तक कोरोना वायरस के ढेर सारे वेरिएंट्स सामने आ चुके हैं. इनमें डेल्टा वेरिएंट ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी. भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार था, जिसकी वजह से देश में पिछले साल अप्रैल से मई के बीच हाहाकार मच गया था. इस दौराना कोरोना संक्रमण की वजह से लाखों लोगों की मौत हो गई थी.
भारत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब धीमी पड़ रही है. देश में प्रतिदिन मिलने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अब 1000 के करीब आ गई है. मौतें कम हो रही हैं. वहीं सक्रिय मामले भी अब 10000 के आसपास हैं. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह वैक्सीनेशन को मान रहे हैं. भारत की एक बड़ी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है. अब 18 से अधिक उम्र के सभी लोगों को बूस्टर डोज भी लगनी शुरू हो गई है. वहीं, 12 से 18 वर्ष की अधिकतर आबादी कोरोना टीके का कवर प्राप्त कर चुकी है.