नयी दिल्ली, (भाषा) भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए साइबर हमलों के जोखिम को रेखांकित करते हुए एक रपट में कहा है कि इस तरह के हमले भारत की आर्थिक वृद्धि की दशा व दिशा बिगाड़ सकते हैं, और उसके अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं। पीडब्ल्यूसी व उद्योग मंडल एसोचैम के एक संयुक्त अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है, रपट में कहा गया है, ‘साइबर हमले आर्थिक झटका दे सकते हैं और भारत के वृद्धि दर अनुमानों को बिगाड़ सकते हैं। उसके पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं और अराजकता की स्थिति हो सकती है।’ डिजिटल भुगतान में उछाल तथा भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के अगले पांच साल साल में बढ़कर 1,000 अरब डालर होने के अनुमान का हवाला देते हुए हुए रपट में कहा गया है कि इस वृद्धि से कुछ कमियां भी सामने आएंगी जिनका फायदा विरोधी उठा सकते हैं, यह भी कहा गया है कि, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम सीईआरटी इन ने जून 2017 तक ऐसे 27,482 मामलों की जानकारी दी है। साइबर शत्रु और अधिक सक्षम व साधन संपन्न हो रहे है, वानाक्राई से प्रभावित 100 देशों में भारत तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश रहा है। इस अध्ययन में सरकार को इस दिशा में ध्यान देने की सलाह दी गई है जिसके तहत लोगों को उचित प्रशिक्षण देना, कंपनियों की ओर से एकीकृत प्रयास तथा देश में साइबर संभावित हमलों से सुरक्षित माहौल बनाना शामिल है। इसमें कहा गया है कि सरकार इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को नागरिकों को “साफ” इंटरनेट प्रदान करने को प्रोत्साहित करें।