भारत भर में ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज, 28 मार्च को सुबह 6 बजे से शुरू हो गई. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), बैंक कर्मचारी संघ (बीईएफआई) सहित कई बैंक संघ और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) ने आज और कल भारत बंद का समर्थन किया है. संघों ने कहा है कि इसके सदस्य दोनों दिन हड़ताल करेंगे.
यूनियन ने कहा, “एआईबीईए ने इस कॉल का समर्थन करने और बैंकिंग क्षेत्रों में मांगों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है,”. यूनियन ने कहा कि बैंक यूनियनों की मांग है कि सरकार को निजीकरण बंद करना चाहिए और इसके बजाय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए कदम उठाना चाहिए.
निजीकरण बंद करने की मांग
भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा है कि हड़ताल के कारण उसकी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है. एसबीआई ने कहा, “हम सलाह देते हैं कि बैंक ने हड़ताल के दिनों में अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है. इसके बावजूद संभावना है कि हड़ताल से हमारे बैंक में काम सीमित तक प्रभावित हो सकता है