रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है. कच्चे तेल, इलेक्ट्रिक उत्पाद के बाद अब उर्वरकों की कीमतों को उछाल आया है. उर्वरकों की सप्लाई प्रभावित होने के चलते उर्वरकों की कीमतों में इजाफा हो रहा है. रूस दुनिया का एक प्रमुख फर्टिलाइजर सप्लायर है. यूक्रेन के साथ युद्ध के चलते रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, जिससे उर्वरकों की सप्लाई बाधित हो रही है.
जानकार बताते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से उर्वरकों कीमतों में 10 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हो चुका है.
पोटाश का आयात
उर्वरक के उत्पादन में पोटाश की एक बड़ी भूमिका होती है. भारत बड़ा मात्रा में पोटाश का आयात करता है. रूस, यूक्रेन और बेलारूस पोटाश के सबसे बड़े निर्यातक हैं. युद्ध के कारण इन देशों से पोटाश की सप्लाई ठप पड़ी है. भारत अपने कुल उर्वरक आयात का 10-12 फीसदी हिस्सा रूस, यूक्रेन और बेलारूस से मंगवाता है.
जानकार बताते हैं कि चालू वित्त वर्ष में पोटाश का आयात करीब 280 डॉलर प्रति मिट्रिक टन के दाम पर किया जा रहा है. लेकिन अब यह दाम काफी बढ़ गया है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा.
livemint.com के अनुसार, उर्वरकों के बड़े सप्लार मलिक नियांग (Malick Niang) बताते हैं कि पिछले 10 साल के कारोबार के दौरान उन्होंने कभी इतना बड़ा आपूर्ति संकट नहीं देखा. वह बताते हैं कि जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, शिपिंग कंपनियों ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में अपना माल इकट्ठा नहीं किया है. इसके अलावा रूस के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों के चलते रूस से उर्वरक निर्यात तेजी से गिर गया है. नियांग ने सेनेगल और मोरक्को जैसे अन्य जगहों के विक्रेताओं से संपर्क किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि साल के अंत तक उनकी ऑर्डर बुक्स भरी हुई हैं.