पुरानी पेंशन स्कीम एक बार फिर चर्चा में है. वजह है कुछ राज्यों द्वारा पुरामी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करना. राजस्थान, हिमाचल प्रदेश सरकार के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी में भी सरकारी कर्मचारी को पुरानी पेंशन स्कीम की सौगात दी है. सीएम की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन लागू हो जाएगी. ऐसा होने 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त 3 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि पुरानी पेंशन स्कीम के क्या फायदे हैं और कर्मचारी क्यूं इसे लागू करवाना चाहते हैं.
नई पेंशन योजना को लागू करने का उद्देश्य आने वाले सालों में सरकार के कंधे से पेंशन पेमेंट के का बोझ खत्म करना था. अभी तक राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और झारखंड सरकार ने पुराने पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की है. देश में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना 1 अप्रैल 2004 से बंद कर दी गई और नई राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System -NPS) लागू की गई.
क्या है पुरानी और नई पेंशन स्कीम में फर्क?
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में मिलती हैं ये सुविधा
जीपीएफ की सुविधा
पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं
रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन पर 50 फीसद गारंटी मिलती है.
पूरी पेंशन सरकार देती है.
सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन और नौकरी मिलती है.
नई पेंशन स्कीम (NPS)
जीपीएफ की सुविधा नहीं है.
वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती की जाती है.
निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं मिलती. यह पूरी तरह शेयर बाजार और बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी.
नई पेंशन बीमा कंपनी देगी. यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा.
महंगाई व वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा.