केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पहली फरवरी को संसद में अपना चौथा आम बजट पेश करेंगी, निम्न और मध्यम वर्ग को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। महंगी होती घर की रसोई से लेकर इनकम टैक्स में जनता राहत की आस लगाए बैठी हुई है। हालांकि सरकार इस बार महंगाई से थोड़ी राहत दे सकती है। बजट के मद्देनजर 84 वर्षीय सविता ने बताया, मौजूदा वक्त में महंगाई बहुत बढ़ गई है, घर मे अकेले रहने के कारण मुझे महंगाई का एहसास होता है, लेकिन जिनके पूरे परिवार है उनके लिए तो और मुश्किल से गुजारा होता होगा। घरेलू वस्तुओं में इस बार राहत मिलनी चाहिए, गैस, राशन, सब्जियां और तेल बहुत महंगा हो गया है।
संसद में पेश होने वाले बजट 2022-23 पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। कर्मचारी वर्ग, दुकानदार व अन्य लोग इस बार उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार राजकोषीय मजबूती की कसौटी और लोकलुभावन उपायों के बीच एक संतुलन स्थापित कर उन्हें राहत दे।
इसके अलावा आम करदाता अपने हाथ में खर्च योग्य आय बढ़ने की उम्मीद कर रहा है, ताकि वह बचत से कुछ निवेश कर सके और उपभोग बढ़ा सके।
निजी कंपनी में काम करने वाले विनोद कुमार प्रसाद ने बजट को लेकर अपनी उम्मीदें रखते हुए बताया, कोरोना के कारण हमें बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि कोरोना ने लोगों को तोड़ दिया है और कई लोग बेरोजगार भी हुए हैं। इस बार हम उम्मीद करते हैं कि इनकम टैक्स के स्लैब को ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक होना चाहिए। ताकि जीवन को जीने में आसानी हो।
यदि सरकार 5 लाख न कर सके तो कम से कम साढ़े तीन लाख कर दे, इससे कुछ तो राहत मिलेगी। इसके अलावा हेल्थ सेक्टर में राहत मिले, क्योंकि दवाइयां बहुत महंगी हो गई हैं।
कोरोना के कारण शुरू हुए वर्क फ्रॉम होम से बढ़े हुए खर्चो से लोग परेशान नजर आ हैं, इसलिए सरकार से उम्मीद कर रहे हैं इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर भी राहत मिले।
निजी कंपनी में काम के रही शर्मिला शर्मा ने बताया, वर्क फ्रॉम होम के फायदे हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं, इसलिए इनके दामों में थोड़ी कमी आनी चाहिए। यदि दाम कम होंगे तो आम नागरिक इन्हें खरीद सकेगा। हालांकि वर्क फ्रॉम होम के कारण बिजली के बिलों में इजाफा होने लगा है। सरकार को इस पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि इस महामारी के समय में लोगों को राहत मिल सके।
टैक्स एडवोकेट अमित रस्तोगी ने कहा, सरकार बजट बना तो देती है, लेकिन आम नागरिकों का ध्यान नहीं जाता है। बाद में जनता को टॉफी पकड़ा दी जाती है, यानी सेक्शन 80सी के अंदर अभी डेढ़ लाख रुपये की छूट कई सालों से जारी है, इसे तीन लाख करना चाहिए। वहीं आम आदमी पर 10 लाख रुपये सालाना आमदनी तक टैक्स का बोझ नहीं आना चाहिए।
जिन लोगों की आय बहुत अच्छी है, उन पर टैक्स का बोझ बढ़ना चाहिए, लेकिन छोटी आय वालों को राहत देनी चाहिए। इनकम टैक्स को रिप्लेस कर एक्सपेंडिचर टैक्स में कन्वर्ट कर दिया जाना चाहिए।
दरअसल, इस बार पांच क्षेत्रों में आम जनता को छूट मिलने की उम्मीद लगाई जा सकती है, इनमें पहला बेसिक छूट लिमिट, टैक्स स्लैब में संशोधन, वित्तिय बजट के लिए प्रोत्साहन, होम लोन पर ब्याज छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन शामिल हैं।